SC ने अफ्रीकी चीता को भारत लाने की केंद्र सरकार को दी अनुमति, नामीबिया से लाया जाना है अफ्रीकी चीता
By भाषा | Published: January 28, 2020 01:49 PM2020-01-28T13:49:49+5:302020-01-28T13:50:40+5:30
शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया है जिसमें भारतीय वन्यजीव के पूर्व निदेशक रंजीत सिंह, भारतीय वन्यजीव के महानिदेशक धनंजय मोहन और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, वन्यजीव के डीआईजी शामिल होंगे। यह समिति इस मुद्दे पर फैसला लेने में एनटीसीए का मार्गदर्शन करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने अफ्रीकी चीता को भारत में उचित प्राकृतिक वास तक लाने की केंद्र को मंगलवार को अनुमति दे दी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने यह कहते हुए एक आवेदन दायर किया था कि दुर्लभ भारतीय चीता देश में लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं और इसलिए इसमें नामीबिया से अफ्रीकी चीता लाने की अनुमति मांगी गयी थी।
शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया है जिसमें भारतीय वन्यजीव के पूर्व निदेशक रंजीत सिंह, भारतीय वन्यजीव के महानिदेशक धनंजय मोहन और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, वन्यजीव के डीआईजी शामिल होंगे। यह समिति इस मुद्दे पर फैसला लेने में एनटीसीए का मार्गदर्शन करेगी। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत परियोजना की निगरानी करेगी और समिति प्रत्येक चार माह में अपनी रिपोर्ट इसको सौंपेगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अफ्रीकी चीता बसाने के बारे में फैसला उचित सर्वेक्षण के बाद लिया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि इस वन्यजीव को यहां लाने के कदम पर फैसला एनटीसीए के विवेक पर छोड़ा जाएगा। इसने कहा कि एनटीसीए का मार्गदर्शन विशेषज्ञों की समिति करेगी जो बेहतर स्थान के लिए सर्वेक्षण करेगी।
शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी गई कि अफ्रीकी चीता को उचित वास तक लाने का काम प्रायोगिक तौर पर किया जाएगा ताकि यह देखा जा सके कि वे भारतीय स्थितियों के अनुकूल ढल पाते हैं या नहीं। भाषा नेहा शाहिद अनूप अनूप