सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ राफेल मामले में अवमानना याचिका की बंद, भविष्य में टिप्पणियों के प्रति सावधान रहने को कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2019 11:18 AM2019-11-14T11:18:41+5:302019-11-14T11:45:09+5:30

Rahul Gandhi: राफेल डील मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

SC dismisses contempt plea against Rahul Gandhi in Rafale case | सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ राफेल मामले में अवमानना याचिका की बंद, भविष्य में टिप्पणियों के प्रति सावधान रहने को कहा

राहुल गांधी के खिलाफ राफेल डील में अवमानना याचिका खारिज

Highlightsराहुल गांधी को राफेल डील अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहलकोर्ट ने राहुल के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' कमेंट के लिए दाखिल अवमानना याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल डील मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका खारिज कर दी है। वहीं कोर्ट ने राफेल मामले की जांच के लिए दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं को भी खारिज कर दिया। 

राहुल के खिलाफ ये याचिका राफेल डील मामले में उनके द्वारा राफेल डील मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई 'चौकीदार चोर है', टिप्पणी के लिए बीजेपी सासंद मीनाक्षी लेखी ने दर्ज कराई थी। 

हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि 'राहुल गांधी को भविष्य में अपनी टिप्पणियों को लेकर ज्यादा सावधान रहने जरूरत है।' 

लेखी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल के आदेश को तोड़-मरोड़ के पेश करते हुए कहा था कि कोर्ट ने घोषित किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी 36 राफेल विमानों की खरीद में भ्रष्टाचार के दोषी हैं। 

राहुल की माफी से संतुष्ट नहीं था कोर्ट, दोबारा दाखिल करनी पड़ी थी याचिका

राहुल गांधी ने इस मामले में दायर अपने हलफनामें में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी और कहा था कि ऐसा अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों में प्रचार की सरगर्मी के दौरान हुआ था। 

लेकिन राहुल गांधी को तब नई याचिका दाखिल करनी पड़ी थी जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह उनके द्वारा पहले जताए गए खेद से संतुष्ट नहीं है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक सिंघवी से कहा था, आपने माफी मांगने के लिए 22 पेज लिए, लेकिन पूरी माफी कहां है।' 

अपने पिछले हलफनामे में राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत को बताया था कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य किसी भी तरह से अदालत के काम में बाधा डालना या उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने का नहीं था। 

राहुल ने साथ ही कोर्ट से लेखी की अवमानना याचिका खारिज करने और कोर्ट को  राजनीति विवाद में घसीटने के लिए उन पर जुर्माना लगाने की अपील की थी।

क्या था राहुल की अवमानना याचिका से जुड़ा मामला

राफेल मामले में कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका के समर्थन में चुनिंदा दस्तावेज की स्वीकार्यता पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियां अस्वीकार करने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद दस अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ये टिप्पणी की थी।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये लंबित इस मामले पर 10 मई को सुनवाई पूरी की थी।

विवाद के समय राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने पीठ से कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित अपनी टिप्पणी गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से कहने पर वह पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।

Web Title: SC dismisses contempt plea against Rahul Gandhi in Rafale case

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