सावित्रीबाई फुले जयंती: देश की पहली महिला शिक्षिका जिन्होंने दिया देश को पहला गर्ल्स स्कूल
By मेघना वर्मा | Published: January 3, 2019 10:10 AM2019-01-03T10:10:33+5:302019-01-03T14:51:29+5:30
लोगों की सेवा के साथ उन्होंने समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के विरोध में भी आवाजें उठायी।
क्या आपने कभी सोचा है कि देश के पहले गर्ल्स कॉलेज की स्थापना किसने और कहां की होगी। हम आपको बताते हैं देश की पहले महिला विश्विद्यालय को शुरू करने वाला कोई और नहीं बल्कि देश की पहली महिला शिक्षिका ही थीं जिन्हें दुनिया सावित्रीबाई फुले के नाम से जानती है। 1831 में जन्मी सावित्री देवी फुले की आज यानी 3 जनवरी को 187वीं जयंती है। इसी उपलक्ष्य में आईये आपको बताते हैं सावित्रीबाई फुले की जिंदगी से जुड़े कुछ प्रेरणा देने वाली बातें।
सावीत्रिबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को नएगांव सतारा में हुआ था। महिलाओं की शिक्षा और उनके विकास के लिए काफी काम किया। जिस समय देश ब्रिटिश रूल्स के अधीन था, जिस समय महिलाओं की शिक्षा पर किसी का ध्यान भी नहीं गया था उसी समय से सावीत्रिबाई फुले ने महिलाओं के विकास और एजुकेशन पर काम किया। इन्होंने लोगों को महिला शिक्षा के लिए ना सिर्फ प्रेरित किया बल्कि कई महिलाओं को शिक्षा भी दी।
पुणें में किया पहले गर्ल्स स्कूल की शुरुआत
देश में सबसे पहले गर्ल्स स्कूल की शुरुआत करने वाली सावित्रीबाई फुले ने ही की थी। जिस समय महिलाओं के लिए स्कूल और कॉलेज जाने पर मनाही थी उस समय सावित्रीबाई ने सन् 1848 में पुणे में पहले गर्ल्स स्कूल भिंडे वाड़ा की स्थापना की थी। अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर उन्होंने इसकी स्थापना की थी। इस स्कूल में ना सिर्फ लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा दी जाती थी बल्कि उनके अधिकार की जानकारी भी दी जाती है।
बुलाया जाता है फर्स्ट लेडी टीचर ऑफ इंडिया
सावित्रीबाई फुले ने चाइल्ड मैरिज, सती प्रथा का विरोध किया। वहीं विधवा विवाह पर बल दिया। लोगों की सेवा के साथ उन्होंने समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के विरोध में भी आवाजें उठायी। जिसमें बहुत हद तक वह सफर भी हुई। इन्हें फर्स्ट लेडी टीचर ऑफ इंडिया भी कहा जाता है।
सावित्रीबाई फुले के काम की चर्चा और तारीफ सिर्फ देशवासी ही नहीं बल्कि ब्रिटिशर्स ने भी की। तभी तो नवंबर 1852 में ब्रिटिश सरकार ने फुले परिवार को उनके काम के लिए सम्मानित किया और सावित्रीबाई फुले को बेस्ट टीचर का खिताब दिया। बाद में सावित्रीबाई ने करीब 18 स्कूलों को खोला जहां महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकार के बारे में बताया जाता है।