Sardarshahar assembly seat by-election: बीजेपी प्रत्याशी पींचा के सामने कांग्रेस के शर्मा, राजस्थान प्रभारी माकन ने कहा- मुझे पद मुक्त करो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 16, 2022 05:10 PM2022-11-16T17:10:21+5:302022-11-16T17:11:49+5:30

Sardarshahar assembly seat by-election: सरदारशहर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 17 नवंबर है, जबकि मतदान पांच दिसंबर को और मतगणना आठ दिसंबर को होगी।

Sardarshahar assembly seat by-election BJP candidate Ashok Pincha vs Congress Anil Sharma Rajasthan in-charge Ajay Maken expressed their desire quit | Sardarshahar assembly seat by-election: बीजेपी प्रत्याशी पींचा के सामने कांग्रेस के शर्मा, राजस्थान प्रभारी माकन ने कहा- मुझे पद मुक्त करो

सरदारशहर (चूरू) सीट पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है।

Highlights सरदारशहर उपचुनाव में 2,89,579 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अशोक पींचा को टिकट दिया है।वोटिंग के लिए कुल मतदान 295 केंद्र बनाए गए हैं।

जयपुरः राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने राज्य की सरदारशहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अनिल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने बुधवार को शर्मा के नाम की घोषणा की। अनिल शर्मा इस सीट से विधायक रह चुके भंवर लाल शर्मा के बेटे हैं। भंवर लाल शर्मा के निधन से ही यह सीट खाली हुई थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट से अशोक पींचा को टिकट दिया है। पींचा ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया। सरदारशहर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 17 नवंबर है, जबकि मतदान पांच दिसंबर को और मतगणना आठ दिसंबर को होगी। सरदारशहर उपचुनाव में 2,89,579 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।

वोटिंग के लिए कुल मतदान 295 केंद्र बनाए गए हैं। सरदारशहर (चूरू) सीट पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है। इस सीट से विधायक भंवर लाल शर्मा (77) का नौ अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उन्होंने विधानसभा में कुल सात बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।

राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 107, भाजपा के 71 और 13 निर्दलीय विधायक हैं। एक सीट खाली है, जबकि बाकी सीटें अन्य पार्टियों के पास हैं। राज्य में 2023 के आखिर में अगला विधानसभा चुनाव होना है।

माकन ने कांग्रेस का राजस्थान प्रभारी पद छोड़ने की इच्छा जताई

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने 25 सितंबर के जयपुर के राजनीतिक घटनाक्रम का हवाला देते हुए राजस्थान प्रभारी की जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जताई है। सूत्रों का कहना है कि माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि यह पार्टी के हित में है कि राजस्थान के लिए नया प्रभारी नियुक्त किया जाए।

माकन ने यह पत्र गत आठ नवंबर को लिखा था। सूत्रों ने बताया कि एक पृष्ठ के इस पत्र में माकन ने कहा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ दिसंबर के प्रथम सप्ताह में राजस्थान में दाखिल होगी और चार दिसंबर को उपचुनाव भी है, ऐसे में जरूरी है कि जल्द से जल्द नया प्रभारी नियुक्त किया जाए। राज्य की सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

माकन ने इस पत्र में कहा है कि वह श्रमिक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से दिल्ली पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, ताकि प्रदूषण, झुग्गी-बस्तियों, रेहड़ी-पटरी वालों और अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों से जुड़े मुद्दे उठा सकें। उन्होंने लिखा है, ‘‘मेरा पिछली तीन पीढ़ियों से कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ाव है और चार दशक से सक्रिय कांग्रेस सदस्य होने के कारण मैं राहुल गांधी का धुर समर्थक बना रहूंगा। राहुल गांधी पर मुझे इस कदर विश्वास है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।’’

उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई गई थी। इसे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले मुख्यमंत्री को बदलने की कवायद के रूप में देखा गया था, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था।

हालांकि, सीएलपी की बैठक नहीं हो सकी थी, क्योंकि गहलोत के वफादार विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की थी और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी संभावित कदम के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

इन विधायकों का कहना था कि अगर विधायक दल का नया नेता चुनना है तो वह उन 102 विधायकों में से हो, जिन्होंने जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान अशोक गहलोत नीत सरकार का समर्थन किया था। तब पायलट और 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के खिलाफ बगावत की थी।

इसके बाद कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी तथा पार्टी नेता धर्मेंद्र राठौड़ को उनकी इस ‘घोर अनुशासनहीनता’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उनसे 10 दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। हालांकि, अनुशासनात्मक समिति ने इन नोटिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। 

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