हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा का विरोध नहीं करेगा संयुक्त किसान मोर्चा, कहा-किसानों को भड़काने और बदनाम करने की है कुटिल चाल

By अभिषेक पारीक | Published: August 1, 2021 09:42 PM2021-08-01T21:42:20+5:302021-08-01T21:47:36+5:30

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब हरियाणा में भाजपा की राज्य इकाई तिरंगा यात्रा शुरू करने जा रही है।

Sanyukt Kisan Morcha will not oppose BJP's tricolor yatra in Haryana, said - there is a devious trick to instigate and defame farmers | हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा का विरोध नहीं करेगा संयुक्त किसान मोर्चा, कहा-किसानों को भड़काने और बदनाम करने की है कुटिल चाल

फाइल फोटो

Highlightsसंयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा का विरोध नहीं करेगा। संगठन ने तिरंगा यात्रा को किसानों को भड़काने और बदनाम करने की कुटिल चाल बताया है। साथ ही इसे लेकर मोर्चा ने किसानों से अपील की है कि वे भाजपा की तिरंगा यात्रा विरोध न करें। 

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब हरियाणा में भाजपा की राज्य इकाई तिरंगा यात्रा शुरू करने जा रही है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इसे किसानों को भड़काने और बदनाम करने की कुटिल चाल बताया है। साथ ही इसे लेकर मोर्चा ने किसानों से अपील की है कि वे भाजपा की तिरंगा यात्रा विरोध न करें। 

देश के करीब 40 किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा है कि अन्य कार्यक्रमों और भाजपा-जजपा का विरोध जारी रहेगा। इसमें कहा गया, ‘‘ भाजपा की हरियाणा इकाई द्वारा प्रस्तावित ‘तिरंगा यात्रा’ मुख्य रूप से किसानों को भड़काने और उन्हें बदनाम करने के लिए है। 

एसकेएम ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि वे इसे भाजपा की कुटिल चाल के तौर पर देखें और राष्ट्रीय ध्वज की आड़ में उनकी गंदी चाल को सफल नहीं होने दें। उल्लेखनीय है कि भाजपा की हरियाणा इकाई ने 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले रविवार को भिवानी से दो सप्ताह की तिरंगा यात्रा की शुरुआत की। इसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ शामिल हुए और उन्होंने दावा किया कि हजारों की संख्या में किसान कार्यक्रम में शामिल हुए। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सोमवार को भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ जारी रहेगी। बयान में कहा गया, ‘‘जंतर-मंतर पर पानी जमा होने के बावजूद किसान संसद अनुशासित और पूरी प्रतिबद्धता तरीके से जारी रहेगी। छत्तीसगढ़ में समानंतर किसान संसद राज्य इकाई द्वारा एकजुटता प्रकट करने के लिए आयोजित की जाएगी।’’ 

बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर किसानों का आंदोलन करीब एक साल से जारी है। बावजूद इसके अभी तक न केंद्र सरकार झुकने को तैयार है और न ही किसान। सरकार ने कहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा। 

Web Title: Sanyukt Kisan Morcha will not oppose BJP's tricolor yatra in Haryana, said - there is a devious trick to instigate and defame farmers

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