26/11: मुंबई हमले के तीसरे दिन शहीद हुए थे संदीप उन्नीकृष्णन व गजेंद्र सिंह विष्ट, जानिए इनकी शहादत के बारे में

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 28, 2018 09:27 AM2018-11-28T09:27:10+5:302018-11-28T09:27:10+5:30

आज ही के दिन मुंबई हमले के तीसरे दिन इन संदीप उन्नीकृष्णन व गजेंद्र सिंह विष्ट ने अपने देश की सेवा करते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी थी।

sandeep unnikrishnan and Gajender Singh Bisht mumbai terror attack know fact about him on death anniversar | 26/11: मुंबई हमले के तीसरे दिन शहीद हुए थे संदीप उन्नीकृष्णन व गजेंद्र सिंह विष्ट, जानिए इनकी शहादत के बारे में

26/11: मुंबई हमले के तीसरे दिन शहीद हुए थे संदीप उन्नीकृष्णन व गजेंद्र सिंह विष्ट, जानिए इनकी शहादत के बारे में

मुंबई में 26/11 को हुए हमले के 10 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस हमले में मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और हवलदार गजेंद्र सिंह विष्ट जैसे शहीदों को देश कभी नहीं भूल सकता है। 10 साल पहले  26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से आए 10 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और बड़ी संख्या में लोगों को घायल कर दिया था। जिसमें संदीप उन्नीकृष्णन और हवलदार गजेंद्र सिंह विष्ट शहीद भी हो गए थे। आज ही के दिन मुंबई हमले के तीसरे दिन इन दो महान लोगों ने अपने देश की सेवा करते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। आइए आज इन्हीं जाबांजो के बारे में जानते हैं-

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन

मुंबई में साल 2008 में 26/11 को हुए हमले में लश्कर-ए-तयैबा के आतंकवादियों से लोहा लेते हुए 31 साल के संदीप शहीद हो गए थे। एनएसजी टीम आतंकियों का सफाया करने के लिए जिस टीम को लेकर आए थे उसको लीड संदीप ने किया था। जब वो  इस ऑपरेशन के दौरान अंदर पहुंचे तो उन्होंने अपने साथियों से कहा कि तुम सब मत आओ, मैं इन्हें संभाल लूंगा और ये बोलकर उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। 

संदीप 7वीं बिहार रेजीमेंट के जवान थे और एनएसजी में यह दूसरी डेप्यूटेशन थी। क्रिकेट और फिल्मों के दीवाने संदीप 5 भाषाएं बोल लेते थे और इन भाषाओं के मजाकिया शब्दों से इन्हें खास लगाव था। संदीप को ताज पैलेस होटल पर हमले के दौरान अपनी सूझबूझ और बहादुरी का परिचय देने के लिए 26 जनवरी 2009 को 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया गया था। 

हवलदार गजेंद्र सिंह विष्ट

 मुंबई आतंकी हमले में एनएसजी कमांडो हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट भी शहीद हुए थे। उन्होंने नरीमन हाउस में आतंकियों का डंटकर मुकाबला किया था। 6 लोगों को आतंकियों ने वहां बंधक बनाए रखा था। इस जवान के पास इन आतंकियों को बिल्डिंग से बाहर निकालने और सभी मासूमों को छुड़ाने का जिम्मा था। वह इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उस जगह के करीब पहुंच गए थे, जहां आतंकी छिपे हुए थे। 

लेकिन उसी समय आतंकियों ने हमला कर दिया और वह घायल हो गए। हांलाकि कमांडोज को भारी पड़ता देख आतंकी वहां से निकल गए, मगर इस दौरान गजेंद्र शहीद हो गए। देहरादून में जन्में इस जवान को भारत के 26 जनवरी 2009 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा अशोक चक्र पुरस्कार के साथ उनकी बहादुरी का सम्मान सम्मानित किया गया है।

English summary :
sandeep unnikrishnan and Gajender Singh Bisht death anniversary special: On this day (3rd day of Mumbai attacks), these two great people died. Today's we are sharing about some interesting facts about mumbai terror attack and fact about him.


Web Title: sandeep unnikrishnan and Gajender Singh Bisht mumbai terror attack know fact about him on death anniversar

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