संपूर्ण क्रांति दिवसः 5 जून को रिपोर्ट कार्ड, तेजस्वी यादव करेंगे पेश, राजद के पोस्टर से कांग्रेस गायब, जदयू और भाजपा ने लालू परिवार पर किया हमला
By एस पी सिन्हा | Published: June 4, 2022 05:51 PM2022-06-04T17:51:16+5:302022-06-04T17:52:19+5:30
Sampoorna Kranti Diwas: जदयू और भाजपा के नेता इस पोस्टर पर मजे ले रहे हैं. पटना में 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर प्रतिनिधि सभा का आयोजन बापू सभागार में किया जा रहा है.
पटनाः बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर कल यानि 5 जून को नीतीश सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करने जा रहे हैं. महागठबंधन की ओर से एनडीए सरकार के 15 सालों का रिपोर्ट कार्ड डेटा के साथ पेश किया जाएगा.
इसके बाद विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर सियासी उलझन इतनी बढ़ गई है कि आपस में ही एक-दूसरे का खुला विरोध शुरू हो गया है. दरअसल, राजद की ओर से पटना में लगाए गए पोस्टरों ने कांग्रेस के लिए कुछ ऐसी ही स्थिति पैदा कर दी है. वैसे इस पोस्टर की चर्चा तो राजद और लालू परिवार के अंदर भी हो ही रही है.
जदयू और भाजपा के नेता इस पोस्टर पर मजे ले रहे हैं. पटना में 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर प्रतिनिधि सभा का आयोजन बापू सभागार में किया जा रहा है. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सरकार के 15 सालों के काम पर रिपोर्ट कार्ड पेश करना है. इस सम्मेलन में शामिल होने वाले दलों को लेकर ही सवाल खडे़ हो गए हैं.
पटना में लगाए गए पोस्टरों में इस कार्यक्रम को महागठबंधन की ओर से आयोजित बताया गया है. पांच जून को होने वाले संपूर्ण क्रांति दिवस का आयोजक राजद की ओर से जारी पोस्टरों में महागठबंधन को बताया गया है. इन पोस्टरों में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के अलावा केवल तेजस्वी यादव की बड़ी तस्वीर लगी है.
कुछ पोस्टरों में तेजस्वी यादव के पिता और राजद अध्यक्ष लालू यादव के अलावा वाम दलों के चंद नेताओं की तस्वीरें लगाई गई हैं. लेकिन इन पोस्टरों में कांग्रेस का कोई चेहरा नहीं दिखता. ऐसे में इन पोस्टरों ने कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. हालांकि राज्य में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजद के साथ उनका गठबंधन तब तक बना रहेगा, जब तक कि आलाकमान की ओर से इसके बारे में कोई फैसला नहीं ले लिया जाता. दूसरी तरफ, राजद के पोस्टर से ऐसा लग रहा है कि महागठबंधन से कांग्रेस को बाहर कर दिया गया है.
इस पूरे मसले पर तेजस्वी यादव का बयान भी कुछ ऐसा ही है. कांग्रेस ने इसे लेकर तेजस्वी यादव से कई सवाल पूछे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि विधान सभा के चुनाव में कांग्रेस ने महागठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ उम्मीदवार दिए. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उनमें दम है तो यह तो अच्छी बात है.
ऐसे में तेजस्वी के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि उन्हें अब कांग्रेस की जरा भी परवाह नहीं है. उधर, बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने राजद की ओर से हो रहे आयोजन और पोस्टरों को लेकर तेजस्वी यादव पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के इस महागठबंधन का मतलब क्या है?
कांग्रेस के बिना उन्होंने महागठबंधन कैसे बना लिया? क्या उन्होंने राजद का ही नाम बदलकर महागठबंधन कर दिया है या उन्होंने राजद को तोडकर नई पार्टी बना ली है? वहीं, इस पूरे प्रकरण पर जदयू और भाजपा के नेता मजे ले रहे हैं. भाजपा ने कहा है कि राजद की नीति इस्तेमाल करने और फेंक देने की है.
बिहार में राजद ने कांग्रेस को अपने साथ जोड़कर पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. इधर, जदयू के प्रवक्ता अभिषेक आनंद ने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार को बदनाम करने के लिए किसी हद तक जा सकते हैं. उन्होंने राजद और कांग्रेस के बीच चल रही रस्साकशी को नूराकुश्ती बताते हुए कहा कि इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है.