समझौता एक्सप्रेस मामला: NIA अदालत ने टाला अपना फैसला, अब 14 मार्च को होगी सुनवाई

By भाषा | Published: March 11, 2019 11:45 PM2019-03-11T23:45:13+5:302019-03-11T23:45:13+5:30

अदालत द्वारा सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाये जाने की उम्मीद थी, लेकिन एक पाकिस्तानी महिला द्वारा अंतिम क्षणों में दायर की गई अर्जी के बाद अदालत ने अपना फैसला टाल दिया।

Samjhauta Blast case: NIA court deferred its decision, now hearing on March 14 | समझौता एक्सप्रेस मामला: NIA अदालत ने टाला अपना फैसला, अब 14 मार्च को होगी सुनवाई

समझौता एक्सप्रेस मामला: NIA अदालत ने टाला अपना फैसला, अब 14 मार्च को होगी सुनवाई

Highlights इस मामले में स्वामी असीमानंद आरोपियों में शामिल है।पाकिस्तान के हफीजाबाद जिले के धीनगरावली गांव निवासी एवं विस्फोट का शिकार बने मोहम्मद वकील की बेटी राहिला वकील ने अपने भारतीय वकील मोमिन मलिक के माध्यम से अर्जी दी थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में सोमवार को अपना फैसला टाल दिया। इस मामले में स्वामी असीमानंद आरोपियों में शामिल है। अदालत द्वारा सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाये जाने की उम्मीद थी, लेकिन एक पाकिस्तानी महिला द्वारा अंतिम क्षणों में दायर की गई अर्जी के बाद अदालत ने अपना फैसला टाल दिया। महिला ने पाकिस्तान से विस्फोट की घटना के चश्मदीदों से पूछताछ किये जाने के लिए निर्देश जारी करने की मांग करते हुए आतंक-रोधी अदालत का रुख किया।

विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने पाकिस्तानी महिला राहिला वकील की अर्जी सुनवाई के लिए 14 मार्च को सूचीबद्ध कर दी। पाकिस्तान के हफीजाबाद जिले के धीनगरावली गांव निवासी एवं विस्फोट का शिकार बने मोहम्मद वकील की बेटी राहिला वकील ने अपने भारतीय वकील मोमिन मलिक के माध्यम से अर्जी दी थी। अर्जी में महिला ने कहा है कि उनके देश से घटना के गवाहों के बयान दर्ज किये जाये। उसने दलील दी कि उसके सह-नागरिकों को अदालत से उचित समन नहीं प्राप्त हुए और अधिकारियों ने पेश होने के लिए उन्हें वीजा देने इनकार किया।

एनआईए के वकील राजन मल्होत्रा ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी महिला की तरफ से एक वकील द्वारा दायर की गई याचिका के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की तिथि 14 मार्च तय की है।’’ उन्होंने कहा कि एनआईए 14 मार्च को महिला की अर्जी पर अपना जवाब देगी।

गौरतलब है कि पानीपत के निकट 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस के दो डिब्बों में विस्फोट हुए थे, जिसमें 68 लोगों की मौत हुई थी और उनमें ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे। इस घटना के बाद हरियाणा पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था और जुलाई 2010 में जांच एनआईए को सौंप दी थी। नबा कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी अदालत में पेश हुए थे जबकि हमले के कथित षडयंत्रकर्ता सुनील जोशी की दिसंबर 2007 में मध्य प्रदेश के देवास जिले में उसके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। समझौता एक्सप्रेस को अटारी एक्सप्रेस भी कहा जाता है। भाषा देवेंद्र सुभाष सुभाष

Web Title: Samjhauta Blast case: NIA court deferred its decision, now hearing on March 14

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