राहुल गांधी का इस्तीफा: सलमान के बयान पर संबित पात्रा बोले-कांग्रेस में नेता, नीति और नीयत नहीं बची
By रामदीप मिश्रा | Published: October 9, 2019 10:31 AM2019-10-09T10:31:48+5:302019-10-09T10:31:48+5:30
लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बहुत मनाने की कोशिश की थी। लेकिन, वह अपने फैसले पर अडिग रहे थे और आखिरकार उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया था।
पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के राहुल गांधी पर दिए गए बयान को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिना देरी किए लपक लिया है और राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया है। बीजेपी ने कांग्रेस को बिना नेता, बिना नीति और बिना नीयत का बता दिया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अच्छा आखिरकार कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान से पहले ही हार मान ली है! खुर्शीद इस बात से सहमत हैं कि राहुल गांधी के राहुल गांधी 'छोड़ गए' और सोनिया गांधी सिर्फ 'फौरी इंतजाम' देख रही हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस में कोई नेता, नीति और नीयत नहीं बची है।'
दरअसल, खुर्शीद ने कहा था है कि राहुल गांधी के इस्तीफे के कारण लोकसभा में कांग्रेस की हुई हार का आंकलन नहीं हो सका। हम विश्लेषण नहीं कर पाए कि पार्टी को हार का सामना क्यों करना पड़ा है? हमारी सबसे बड़ी समस्या रही है कि हमारे नेता ने हमें छोड़ दिया। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद हम वास्तव में विश्लेषण करने के लिए एक साथ नहीं बैठे हैं। राहुल ने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ दिया और कहा कि वह हार की नैतिक जिम्मेदारी ले रहे हैं। लेकिन उन्होंने कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बार-बार कहने के बावजूद भी अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब कांग्रेस के किसी नेता ने राहुल के इस्तीफे के लिए 'छोड़ जाने' जैसे शब्द का इस्तेमाल किया है। खुर्शीद ने कहा कि राहुल के इस्तीफे के बाद एक खालीपन पैदा हुआ है और सोनिया गांधी एक अस्थायी तौर पर पार्टी को संभाल रही है।
खुर्शीद ने कहा, 'मैं नहीं चाहता था कि राहुल इस्तीफा दें। मैं चाहता था कि वह बने रहें। मेरा मानना है कि कार्यकर्ता चाहते थे कि वे आगे बढ़ें और पार्टी का नेतृत्व करें।' उन्होंने आगे कहा कि यह एक खालीपन जैसा है कि सोनिया गांधी ने अस्थायी तौर पर उस गैप को भरा है, लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहता था।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बहुत मनाने की कोशिश की थी। लेकिन, वह अपने फैसले पर अडिग रहे थे और आखिरकार उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया था। इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया।