अलोक वर्मा और राकेश अस्थाना विवाद में सामंत गोयल का भी आया था नाम, जानें क्या है मामला
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 26, 2019 09:10 PM2019-06-26T21:10:06+5:302019-06-26T21:10:06+5:30
सीबीआई के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों- तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप की एक (सीबीआई) जांच में सामंत गोयल का नाम आया था।
केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी सामंत कुमार गोयल को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का प्रमुख नियुक्त किया है। कहा जा रहा है कि बीती फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक की योजना बनाने में गोयल की अहम भूमिका थी।
‘रॉ’ विदेशों में भारत के लिए जासूसी करती है। गोयल अभी ‘रॉ’ में विशेष सचिव हैं। उन्हें ‘इंटेलीजेंस एवं ऑपरेशन’ में काफी अनुभव है। उन्हें पंजाब में आतंकवाद और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे का विशेषज्ञ भी माना जाता है। उन्होंने 1990 के दशक में पंजाब में आतंकवाद को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी।
बता दें कि सीबीआई के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों- तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप की एक (सीबीआई) जांच में सामंत गोयल का नाम आया था।
मनोज प्रसाद नाम के एक आरोपी से रिश्वत लेने के आरोप को लेकर अस्थाना के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में प्रसाद से पूछताछ की गई थी। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए गए एक हलफनामे में सीबीआई के पूर्व डीआईजी एम.के. सिन्हा ने कहा था कि प्रसाद से पूछताछ के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजीत डोभाल और गोयल का नाम सामने आया था।
रिश्वत लेने में अस्थाना की कथित संलिप्तता के मामले में प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था। सिन्हा ने कहा था, ‘‘मनोज प्रसाद के मुताबिक उनके पिता दिनेश्वर प्रसाद (जो संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए) डोभाल से करीबी रूप से परिचित थे। प्रसाद के दावे के अनुसार इस चीज ने उन्हें सीबीआई मुख्यालय के करीब लाया और उन्होंने हैरानगी जताई कि सीबीआई ने उन्हें कैसे उठा लिया जबकि डोभाल के साथ उनके करीबी संबंध थे।’’ सिन्हा ने प्रसाद के दावे का हवाला देते हुए यह कहा।
वहीं, 23 अक्टूबर 2018 को हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण की वेबसाइट पर सामंत गोयल को लेकर एक खबर प्रकाशित की गई थी। खबर के मुताबिक तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को घूसखोरी के झूठे मामले में फंसाने की साजिश में सामंत गोयल की सक्रिय भूमिका थी। खबर में दावा किया गया था कि सीबीआई के पास इस बारे में पुख्ता सबूत हैं।
खबर में सीबीआई के पास बातचीत का एक टेप होने की बात कही गई थी, जिसको लेकर दावा किया गया था कि उसमें सोमेश प्रसाद और सामंत गोयल की आवाजें हैं। खबर के मुताबिक, जांच एजेंसी आरोपी मनोज प्रसाद के साथ उसके भाई सोमेश प्रसाद के भी गिरफ्तार करने वाली थी लेकिन सामंत गोयल ने सोमेश प्रसाद को भारत आने से मना कर दिया था।
(भाषा इनपुट के साथ)