बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश, बैंक खाता आधार से नहीं जोड़ने के लिए वेतन नहीं रोका जा सकता
By भाषा | Published: November 19, 2018 07:52 PM2018-11-19T19:52:04+5:302018-11-19T19:52:04+5:30
इस मामले में जस्टिस ए. एस. ओका और जस्टिस एस के शिंदे की एक खंडपीठ रमेश पुराले की ओर से दायर एक अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।
बम्बई उच्च न्यायालय ने पत्तन न्यास के एक कर्मचारी का वेतन इस आधार पर 2016 से रोकने के केंद्र के निर्णय पर सोमवार को सवाल उठाया कि उसने अपना बैंक खाता आधार से नहीं जोड़ा है।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति एस के शिंदे की एक खंडपीठ रमेश पुराले की ओर से दायर एक अर्जी पर सुनवायी कर रही थी। पुराले मुम्बई पत्तन न्यास में एक चार्जमैन के तौर पर कार्यरत हैं। पीठ ने कहा कि कर्मचारी का वेतन इस आधार पर नहीं रोका जा सकता कि वह अपना बैंक खाता आधार नंबर से जोड़ने में विफल रहा।
पुराले ने केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय की ओर से उन्हें 2015 में जारी उस पत्र को चुनौती दी थी जिसमें उनसे कहा गया था कि वह अपने उस बैंक खाते को आधार कार्ड से जोड़ें जिसमें उनका वेतन डाला जाता है।
उन्होंने यद्यपि ऐसा करने से इनकार करते हुए निजता के अपने मौलिक अधिकार का उल्लेख किया। जुलाई 2016 से उन्हें वेतन मिलना बंद हो गया जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की। इस महीने के शुरू में पुराले ने अपनी अर्जी में एक आवेदन दायर किया जिसमें उन्होंने आधार कार्ड मुद्दे पर 26 सितम्बर के उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लेख किया।
अदालत ने सोमवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह ऐसा रूख कैसे अपना सकती है कि वह अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं देगी क्योंकि उनका आधार कार्ड उनके वेतन खाते से नहीं जुड़ा है। पीठ ने सरकार को याचिकाकर्ता को बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया और मामले की अंतिम सुनवायी आठ जनवरी को करना तय किया।