मीडिया रिपोर्ट्स में दावा- साक्षी मलिक ने खुद को पहलवानों के आंदोलन से अलग किया, साक्षी ने किया खबरों का खंडन
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 5, 2023 02:17 PM2023-06-05T14:17:50+5:302023-06-05T14:59:36+5:30
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से संघर्षरत महिला पहलवान साक्षी मलिक ने खुद को इस पूरे आंदोलन से अलग कर लिया है। इतना ही नहीं वे रेलवे में अपनी जॉब पर वापस लौट गई हैं। हालांकि इन खबरों का पहलवान साक्षी मलिक ने खंडन किया है।

साक्षी मलिक ने खुद को पहलवानों के आंदोलन से अगल किया
नई दिल्ली: यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से संघर्षरत पहलवानों के आंदोलन को झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साक्षी मलिक ने खुद को इस पूरे आंदोलन से अलग कर लिया है। इतना ही नहीं वे रेलवे में अपनी जॉब पर वापस लौट गई हैं। पहलवानों के आंदोलन के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने भी खुद को इस आंदोलन से अलग कर लिया है।
हालांकि इन खबरों का पहलवान साक्षी मलिक ने खंडन किया है। साक्षी ने ट्वीट कर कहा है कि ये खबर बिलकुल ग़लत है। साक्षी ने कहा, "इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।"
ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया इस आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे थे। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद साक्षी मलिक ने ये निर्णय लिया है। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का इस मामले पर क्या निर्णय है, ये अभी पता नहीं चला है। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह आंदोलन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ न्याय किया जाएगा और अगर कोई दोषी हुआ तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि इससे पहले जिस नाबालिग ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे उसने भी अपनी शिकायत वापस ले ली थी।
अभी एक दिन पहले ही 4 जून को पहलवानों के समर्थन में रविवार को हरियाणा में सोनीपत की गोहाना तहसील के मुंडलाना गांव में एक सर्वजातीय पंचायत हुई थी। इस सर्वजातीय पंचायत में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी आदि शामिल हुए।
पंचायत में पूनिया ने कहा था कि एक साथ मिलकर लड़ने से इस आंदोलन में जीत मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि हर रोज पंचायतों का आयोजन हो, क्योंकि अलग-अलग पंचायत करने से हमारी एकता प्रदर्शित नहीं हो पा रही है और सरकार इसका सीधा फायदा उठा रही है’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप लोगों ने 28 मई को आने की कोशिश की लेकिन आप नहीं आ पाये और पुलिस ने आपको रोका। अलग-अलग होकर जीत नहीं पाएंगे। सभी संगठन एक हो जाएं। हम एक महापंचायत रखेंगे। उसमें बड़ा फैसला करेंगे। तीन-चार दिन में पहलवानों की पंचायत का स्थान और समय आपको बता दिया जायेगा।’’
ये पूरा मामला लगातार राजनीतिक होता जा रहा था। तमाम आरोपों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कैसरगंज (गोंडा) से सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी करनैलगंज में अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए रैली करने वाले हैं। वह रैली के माध्यम से खाप पंचायतों के खिलाफ भी मोर्चा खोलेंगे और पहलवानों के साथ हुए विवाद पर भी बोलेंगे।