कर्नाटक में विभिन्न मठों के संतों ने येदियुरप्पा का किया समर्थन

By भाषा | Published: July 21, 2021 05:55 PM2021-07-21T17:55:17+5:302021-07-21T17:55:17+5:30

Saints from various monasteries in Karnataka support Yeddyurappa | कर्नाटक में विभिन्न मठों के संतों ने येदियुरप्पा का किया समर्थन

कर्नाटक में विभिन्न मठों के संतों ने येदियुरप्पा का किया समर्थन

बेंगलुरु, 21 जुलाई कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच बुधवार को विभिन्न मठों के संतों ने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के प्रति अपना समर्थन जताया और उनसे मिलने लगातार दूसरे दिन उनके आधिकारिक आवास पर पहुंचे।

राज्य के एक प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के सिद्धगंगा मठ के सिद्धलिंग स्वामीजी के नेतृत्व में लगभग 40 संतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने येदियुरप्पा से मुलाकात की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व से येदियुरप्पा को अपना कार्यकाल पूरा करने देने का अनुरोध किया।

उनमें से कुछ ने भाजपा को येदियुरप्पा के स्थान पर किसी और को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर बुरे परिणाम भुगतने की कथित तौर पर चेतावनी दी है। सिद्धलिंग स्वामीजी ने कहा, ‘‘ऐसा (नेतृत्व परिवर्तन वार्ता) क्यों हो रहा है, जब मुख्यमंत्री संकट के समय कुशलता से काम कर रहे हैं? सभी स्वामीजी की इच्छा है कि वह पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहें।’’

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा है, वह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके प्रति विशेष ध्यान दिया है, और केवल वही ऐसे शख्स थे जिन्हें 75 वर्ष की आयु पूरी करने के बावजूद शीर्ष पद पर बने रहने दिया गया था। स्वामी जी ने कहा, ‘‘येदियुरप्पा ने कहा है कि वह अंतिम सांस तक पार्टी की सेवा करते रहेंगे, लेकिन इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।’’

गौरतलब है कि मंगलवार को बालेहोसुर मठ के डिंगलेश्वर स्वामी के नेतृत्व में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए 24 से अधिक संत येदियुरप्पा से मिले थे।

सूत्रों ने बताया कि भविष्य की कार्रवाई के बारे में चर्चा करने के लिए कुछ दिनों में 300-400 संतों के बेंगलुरु में इकट्ठा होने की उम्मीद है।

सिद्धलिंग स्वामीजी ने कहा कि यह संकट का समय है क्योंकि बारिश शुरू हो गई है, कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका है और यदि इस समय कोई बदलाव होता है तो एक स्थिर प्रशासन प्रदान करना और लोगों की सेवा करना संभव नहीं होगा। उन्होंने अन्य संतों की ओर से कहा, ‘‘यह सब ध्यान में रखते हुए, उन्हें (येदियुरप्पा) को यह कार्यकाल पूरा होने तक मुख्यमंत्री बनाये रखना चाहिए और यह सभी संतों की इच्छा है।’’

संतों के राजनीति में शामिल होने की आलोचना को खारिज करते हुए सिद्धलिंग स्वामीजी ने कहा कि धर्मगुरुओं ने सभी मुख्यमंत्रियों का समर्थन किया है, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों। उन्होंने कहा, ‘‘हम पक्षपाती नहीं हैं, लेकिन येदियुरप्पा की खास बात यह है कि हम चाहते हैं कि वह अपना कार्यकाल पूरा करें।’’

इस बीच, धारवाड़ में मुरुघा मठ के मल्लिकार्जुन स्वामीजी ने चेतावनी दी कि अगर येदियुरप्पा को हटा दिया जाता है तो भाजपा को कर्नाटक में एक बड़ा झटका लगेगा क्योंकि वह राज्य में पार्टी की ‘‘नींव’’ हैं, और अनुभवी नेता को कार्यकाल पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

कोलाडा मठ के संत डॉ शांतावीरा स्वामीजी ने कहा कि येदियुरप्पा को बदला नहीं जाना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो वीरशैव-लिंगायत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

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