वाराणसी में 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटाई गईं, जानिए इसकी पीछे की क्या है वजह
By रुस्तम राणा | Published: October 1, 2024 06:42 PM2024-10-01T18:42:32+5:302024-10-01T18:42:38+5:30
सनातन रक्षक दल (हिंदू संगठनों) का कहना है कि किसी भी मंदिर में मृत मनुष्यों की मूर्ति की पूजा करना वर्जित है। हिन्दू संगठन ने साईं को बाबा को मुस्लिम बताया।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंदिरों में साईं बाबा की मूर्तियाँ स्थापित करने को लेकर विवाद छिड़ गया है। अब तक 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियाँ हटा दी गई हैं, जिनमें प्रमुख बड़ा गणेश मंदिर भी शामिल है। इस कार्रवाई का नेतृत्व कथित तौर पर सनातन रक्षक सेना के अजय शर्मा कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, हिंदू संगठनों द्वारा 28 और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, जिनका दावा है कि साईं बाबा मुस्लिम थे और उनका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं था। संगठनों का तर्क है कि वे साईं बाबा की पूजा का विरोध तो नहीं करते, लेकिन वे मंदिरों में उनकी मूर्तियाँ स्थापित नहीं होने देंगे।
दरअसल, सनातन रक्षक दल (हिंदू संगठनों) का कहना है कि किसी भी मंदिर में मृत मनुष्यों की मूर्ति की पूजा करना वर्जित है। हिंदू धर्म में मंदिरों में केवल 5 देवों- सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति, और गणपति के स्वरूपों की मूर्तियां ही स्थापित की जा सकती हैं। साईं बाबा मुस्लिम हैं और उनका सनातन धर्म से रिश्ता नहीं। इसलिए, मंदिरों से मूर्ति हटाने का कार्य किया जा रहा है।
साईं बाबा की प्रतिमा का विरोध करने वालों का ये भी कहना है कि उनका असली नाम 'चांद मियां' है। वह मुस्लिम धर्म से स्वामित्व रखते थे। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब कोई हिंदू संगठन साईं बाबा की पूजा पर आपसे सवाल पूछ रहा हो। इससे पहले भी हिंदू संगठन साईं बाबा की पूजा पर विरोध कर चुके हैं।