शिअद ने 84 दंगों पर मनमोहन की टिप्पणी पर कहा-राजीव गांधी के बजाय किसी और पर दोषारोपण स्तब्धकारी
By भाषा | Published: December 6, 2019 05:21 AM2019-12-06T05:21:35+5:302019-12-06T05:21:35+5:30
शिअद नेता ने कहा कि हालांकि सिंह के बयान से हमारा यह रूख सिद्ध होता है कि स्वतंत्र भारत के सबसे भयंकर और त्रासद नरसंहार को आसानी से रोका जा सकता था
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बृहस्पतिवार को कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगे पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान से उन्हें ‘बड़ा दुख और निराशा’ हुई है और उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बजाय किसी और पर दोषारोपण स्तब्ध कर देने वाला प्रयास है।
बुधवार को एक कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि 1984 का सिख विरोधी दंगा रोका जा सकता था, यदि तत्कालीन गृहमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने सेना बुलाने के सुझाव पर ध्यान दिया होता। यहां एक बयान में शिअद प्रमुख ने कहा, ‘‘ प्रासंगिक सरकारी रिकार्ड स्पष्ट रूप से बताते हैं कि सेना की तैनाती के विरूद्ध निर्णय राजीव गांधी के निवास पर हुई एक बैठक में लिया गया था।’’
बादल ने कहा कि सिंह का दावा ‘न तो सच है और न ही उपयुक्त।’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह स्तब्धकारी है क्योंकि यह बयान उन मनमोहन सिंह ने दिया है जिनका हमने सदैव सच्चा सम्मान किया। यह बिल्कुल अनपयुक्त और अशोभनीय है क्योंकि उसमें दो पूर्व प्रधानमंत्रियों-- पी वी नरसिम्हा राव और आई के गुजराल के नाम जुड़े हैं जो इस दावे पर जवाब देने के लिए जीवित नहीं हैं। यह बहुत बड़ी पहेली है कि क्यों सिंह ने तब चुप्पी साधे रखी जब राव और गुजराल इस दावे की पुष्टि या खंडन के लिए जीवित थे।’’
शिअद नेता ने कहा कि हालांकि सिंह के बयान से हमारा यह रूख सिद्ध होता है कि स्वतंत्र भारत के सबसे भयंकर और त्रासद नरसंहार को आसानी से रोका जा सकता था, यदि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सेना को इतने बड़े संकट से निपटने के लिए समय पर सेना को बुलाने दिया होता।’’