सचिन पायलट ने हेडमास्टर अंदाज में वरिष्ठ बीजेपी नेता को दी नसीहत, भाजपा नेता ने किया था तंज- "दिल का दर्द बाहर आ गया..."
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 9, 2021 03:30 PM2021-06-09T15:30:45+5:302021-06-09T15:30:45+5:30
सचिन पायलट की राजस्थान में अशोक गहलोत से नाराजगी के किस्से आते रहे हैं। उनका ऐसा ही नाराजगी भरा एक बयान हाल में आया जिस पर बीजेपी नेता ने चुटकी ली थी। हालांकि, सचिन पायलट ने भी उन्हें जवाब देने में देरी नहीं की।
जयपुर: राजस्थानकांग्रेस के शीर्ष नेता सचिन पायलट ने बुधवार को राजस्थान भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को अपनी स्थिति और भाजपा की अंदरूनी कलह पर ध्यान देने की सार्वजनिक तौर पर नसीहत दे दी। बुधवार को एक दैनिक अखबार में खबर छपी कि राजस्थान कांग्रेस के शीर्ष नेता सचिन पायलट अपनी सत्ताधारी पार्टी से नाराज चल रहे हैं।
इस खबर के बाद राज्य के भाजपा नेता इसपर चुटकी लेने लगे। राजस्थान विधानसभा के उपनेता विपक्ष और चुरु से भाजपा विधायक ने राजेंद्र राठौर ने ट्विटर पर तंज कसा, "आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया..."
भाजपा नेता के इस ट्वीट पर जवाबी ट्वीट करते हुए सचिन पायलट ने पलटवार किया, "प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ की बयानबाजी के बजाय अपनी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।"
बुधवार सुबह ही सोशलमीडिया पर लोगों के बीच यह चर्चा चल पड़ी कि आज कोई बड़ा कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल होने वाला है। सोशलमीडिया पर कई लोगों ने सचिन पायलट के बयान के आधार पर यह अटकल लगानी शुरू कर दी कि भाजपा में होने वाले नेता सचिन पायलट हो सकते हैं।
सचिन पायलट के बयान पर बीजेपी नेता ने ली थी चुटकी
अखबार में सचिन पायलट के हवाले से कहा गया कि कांग्रेस के लिए सबकुछ दाँव पर लगाने वालों की पार्टी में सुनवाई नहीं हो रही है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री हैं। सचिन पायलट से उनकी बनती नहीं है। दोनों के बीच टकराव पिछले साल खुलकर सामने आ गया था। ऐसी पृष्ठभूमि में सचिन को लेकर ऐसी खबर को उड़ाना मुश्किल नहीं।
राजेंद्र राठौर ने इसी खबर पर चुटकी लेते हुए कहा, " भाजपा नेता का ट्वीट टेक्स्ट- 'आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया। ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष @SachinPilot जी ने अहम भूमिका निभाई थी। सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं। ना जाने कब क्या हो जाए...'
राठौर के ट्वीट का जवाब देते हुए सचिन पायलट ने जवाबी ट्वीट किया, "सचिन पायलट का ट्वीट टेक्स्ट- 'प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।'
पिछले कुछ सालों में जिस तरह कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं उसे देखते हुए कब कौन कांग्रेसी भाजपा में चला जाएगा यह कहना मुश्किल है। पिछले साल ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गये थे। सिंधिया को राहुल और प्रियंका का बेहद करीबी माना जाता था।
हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान असम में भाजपा को जीत मिली तो हेमंत बिस्व सरमा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। हेमंत बिस्व सरमा भी कुछ साल पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये थे।