महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने भारी विरोध के बीच सबरीमला जाने का इरादा छोड़ा
By भाषा | Published: November 17, 2018 02:39 AM2018-11-17T02:39:44+5:302018-11-17T02:39:44+5:30
पुलिस ने कहा कि देसाई और उनकी सहयोगियों को जाने से रोकने पर करीब 200 श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कोच्चि, 16 नवंबर (भाषा): सबरीमला मंदिर जाने को लेकर श्रद्धालुओं और अन्य लोगों के साथ 14 घंटे से ज्यादा के गतिरोध के बाद महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने मंदिर की ओर जाने का विचार त्याग दिया क्योंकि उन्हें यहां हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया गया। श्रद्धालु और अन्य लोग भगवान अयप्पा मंदिर में मासिक धर्म की उम्र वाली महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रह रहे हैं।
देसाई, छह महिला साथियों के साथ तड़के ही कोच्चि हवाई अड्डे पहुंच गई थीं। उन्होंने शुक्रवार रात ऐलान किया कि वह वापस जाएंगी क्योंकि पुलिस ने उन्हें सूचित किया है कि अगर वह मंदिर जाएंगी तो कानून एवं व्यवस्था की समस्या बन सकती है, लेकिन कार्यकर्ता ने भगवान अयप्पा के दर्शन करने के लिए जल्द केरल वापस आने का संकल्प लिया है।
भूमाता ब्रिगेड की नेता ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम सबरीमला जाने के लिए जल्द केरल लौटेंगे लेकिन इस बारे में पहले से ऐलान नहीं करेंगे।’’ मंदिर शुक्रवार शाम को दो महीने के लिए खुला है। हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि देसाई और उनकी सहयोगियों ने मुंबई जाने वाली एक उड़ान के लिए टिकट बुक कराए हैं जो शुक्रवार रात को रवाना होंगी।
सबरीमला मंदिर में दर्शन करने का ऐलान करते हुए महिला अधिकार कार्यकर्ता ने पहले केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को ईमेल भेजकर सुरक्षा की मांग करते हुए कहा था कि उनकी जिंदगी को खतरा है।
Maharashtra: Protesters gather outside Mumbai airport where Trupti Desai, the founder of Bhumata Brigade, has arrived. She was at the Cochin International airport, Kerala for the entire day yesterday as protesters did not allow her to proceed to #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/JNMQUtzJMk
— ANI (@ANI) November 16, 2018
देसाई ने पहले कहा था कि वह भगवान अयप्पा के दर्शन किए बिना नहीं लौटेंगी, लेकिन वह श्रद्धालुओं, भाजपा और विभिन्न हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण हवाई अड्डे से बाहर नहीं आ सकीं। प्रदर्शनकारी घरेलू टर्मिनल के पास धरने पर बैठ गए थे और ‘नामा जपम’, ‘स्वामी अयप्पा’ का जयघोष कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि देसाई और उनकी टीम यहां मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं का उल्लंघन करने के लिए आई हैं। यह परंपरा 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाती है।
भाजपा के प्रदेश महासचिव के सुरेंद्रन ने कहा कि यह भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं की जीत है। देसाई ने शनि शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह और महालक्ष्मी मंदिर समेत धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के लिए अभियान की अगुवाई की थी। उन्होंने कहा कि वह असमानता के खिलाफ लड़ती हैं।
देसाई ने कहा, ‘‘ 21वीं में भी हमारे देश में महिलाएं भेदभाव का सामना करती हैं।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि श्रद्धालुओं ने उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। वे भगवान अयप्पा के भक्त नहीं है। इससे पहले नेदुम्बासेरी स्थित हवाई अड्डे पर मौजूद श्रद्धालुओं और भाजपा कार्यकर्ताओं सहित अन्य ने कहा कि वे देसाई तथा उनके साथ आईं छह अन्य महिलाओं को सबरीमला मंदिर नहीं जाने देंगे।
गतिरोध के बीच, भाजपा ने मांग की कि देसाई और उनकी सहयोगियों को वापस पुणे भेजा जाए। बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस ने बाद में 200 श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास नहीं किया। हवाई अड्डे के घरेलू टर्मिनल पर प्रदर्शन को सही ठहराते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लै ने कहा कि भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं कार्यकर्ताओं के मंदिर में प्रवेश के फैसले से नाराज हैं।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देसाई भगवान अयप्पा के भक्तों को चुनौती दे रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। सरकार उनकी यात्रा के खिलाफ राज्य में बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें वापस भेजे।’’ पुलिस ने कहा कि देसाई और उनकी सहयोगियों को जाने से रोकने पर करीब 200 श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि उन पर गैरकानूनी जमावड़े, लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा और धमकी देने सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं के आरोप लगे हैं।
प्रदर्शन की निंदा करते हुए केरल देवस्वोम मंत्री कडकामपल्ली सुरेंद्रन ने एक नागरिक के आवागमन को रोकने के लिए भाजपा द्वारा ‘‘किये गये प्रदर्शन’’ को ‘‘असभ्य’’ करार दिया। कांग्रेस और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि कार्यकर्ता इन दोनों दलों से करीबी रूप से जुड़ी हुई हैं और अगर भाजपा और कांग्रेस के नेता मांग करें तो देसाई वापस लौट जाएंगी।