'पटेल को अपनी कैबिनेट में नहीं रखना चाहते थे नेहरू', जानें किस मामले को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने किया ये ट्वीट
By पल्लवी कुमारी | Published: February 13, 2020 02:30 PM2020-02-13T14:30:25+5:302020-02-13T14:30:25+5:30
बीजेपी हमेशा कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है कि जवाहर लाल नेहरू की वजह से कांग्रेस ने सरदार पटेल का सही सम्मान नहीं दिया।
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने नारायणी बसु द्वारा लिखी गई वीपी मेनन की बॉयोग्राफी के विमोचन के बाद कई ट्वीट किया। एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में लिखा, इस किताब से मैंने जाना कि 1947 में नेहरू (भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू) अपनी कैबिनेट में पटेल (सरदार पटेल) को जगह नहीं देना चाहते थे। एक अन्य ट्वीट में एस जयशंकर ने लिखा, 'नारायणी बसु की ओर से लिखी गई वीपी मेनन की बॉयोग्राफी में पटेल के मेनन और नेहरू के मेनन में काफी विरोधाभास देखने को मिला। काफी लंबे वक्त के बाद एक ऐतिहासिक पुरुष के साथ न्याय हुआ है।'
Learnt from the book that Nehru did not want Patel in the Cabinet in 1947 and omitted him from the initial Cabinet list. Clearly, a subject for much debate. Noted that the author stood her ground on this revelation. pic.twitter.com/FelAMUZxFL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 12, 2020
एक अन्य ट्वीट में लिखा, राजनीति के इतिहास को लिखने के लिए हमें पूरी ईमानदारी चाहिए। उन्होंने लिखा, 'वीपी मेनन ने कहा था कि जब सरदार पटेल की मौत हुई तो उनकी यादों को भुलाने के लिए व्यापक स्तर पर कैंपेन चलाया गया था। मैं यह इसलिए जानता हूं क्योंकि मैंने यह देखा है।'
Exercise of writing history for politics in the past needs honest treatment. "When Sardar died, a deliberate campaign was begun to efface his memory. I know this, because I have seen it, and at times, I fell victim to it myself. " So says VP Menon. pic.twitter.com/UuQ2YbYxyS
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 12, 2020
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस में हमेशा से ही जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के रिश्तों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह भी अक्सर इसको लेकर बयान देते रहते हैं।