दिल्ली में रूस के विदेश मंत्री ने कहा- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का यह सही समय है
By रुस्तम राणा | Published: March 2, 2023 05:17 PM2023-03-02T17:17:02+5:302023-03-02T20:29:39+5:30
रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यह आक्रमण उस युद्ध की प्रतिक्रिया को दर्शाता है जिसे पश्चिम कई वर्षों से तैयार कर रहा था और इसीलिए वह यूक्रेनी शासन को हथियार दे रहा था।

दिल्ली में रूस के विदेश मंत्री ने कहा- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का यह सही समय है
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग की। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का यह सही समय है। रूस के विदेश मंत्री का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि भारत भी यूएन के मंच पर सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग उठा चुका है।
इस दौरान उन्होंने जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हो पाने के लिए बृहस्पतिवार को पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यूक्रेन को लेकर उनके बयानों का अच्छा परिणाम नहीं निकला, बल्कि वे नुकसाान पहुंचाने वाले थे। उन्होंने वैश्विक एजेंडा वाले प्रमुख विषयों पर भारत के ‘अत्यंत जिम्मेदार’ और ‘महाशक्ति जैसे’ रुख की प्रशंसा की और भारत के साथ अपने देश के संबंधों को विशेष रणनीतिक साझेदारी करार दिया।
भारत के साथ रूस के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए लावरोव ने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंधों को 'विशेषाधिकार रणनीतिक साझेदारी' के रूप में वर्णित किया गया है। यह रिश्ते के विशेष चरित्र को दर्शाता है। हम प्रमुख वैश्विक एजेंडे पर भारत के जिम्मेदार रुख की सराहना करते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में उन्होंने कहा कि यह आक्रमण उस युद्ध की प्रतिक्रिया को दर्शाता है जिसे पश्चिम कई वर्षों से तैयार कर रहा था और इसीलिए वह यूक्रेनी शासन को हथियार दे रहा था।
...It is high time to reform the UN Security Council: Russia’s Foreign Minister Sergey Lavrov's addressing press conference in Delhi pic.twitter.com/gZL4pe78x2
— ANI (@ANI) March 2, 2023
जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए रूसी मंत्री ने कहा कि मोदी ने जी-20 के अध्यक्ष के नाते देश का ‘संतुलित और जिम्मेदार रुख’ प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘वह (प्रधानमंत्री) केवल इसलिए किसी अलग व्यक्तिगत स्थिति पर बात नहीं कर रहे थे, क्योंकि पश्चिम जगत भूराजनीतिक तस्वीर को अलग-अलग लोगों के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहा है। मोदी ने अपने भाषण में सामान्य तौर पर दुनिया में हालात का आकलन किया।’’