भारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुकी, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण फंसा पेंच

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 21, 2023 04:56 PM2023-04-21T16:56:17+5:302023-04-21T16:58:21+5:30

अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में चिंताओं के कारण भारत अमेरिकी डॉलर में बिल का निपटान करने में असमर्थ है। जबकि रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण रूस भारतीय मुद्रा में भुगतान स्वीकार करने को तैयार नहीं है। ऐसे में भारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुक गई है।

Russian deliveries of military supplies to India stall due to fears over US sanctions | भारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुकी, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण फंसा पेंच

भारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुक गई है

Highlightsभारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुक गई हैअमेरिकी प्रतिबंधों के कारण आ रही है भुगतान की दिक्कतभारत डॉलर में भुगतान नहीं कर सकता और रूस रुपये में लेने को राजी नहीं

नई दिल्ली: रूस हथियारों के मामले में भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। लेकिन फिलहाल भारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुक गई है। दरअसल अमेरिका के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद दोनों देश ऐसा भुगतान तंत्र खोजने की कोशिश कर रहे हैं जो अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करता हो। 

टाइम्स ऑफ इंडिया ने मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया है कि 2 अरब डॉलर से अधिक राशि के हथियारों के लिए भारतीय भुगतान लगभग एक साल से अटका हुआ है। भुगतान का कोई सही माध्यम न खोज पाने के कारण रूस ने लगभग 10 अरब डॉलर मूल्य के स्पेयर पार्ट्स के साथ-साथ दो S-400 मिसाइल-रक्षा प्रणाली बैटरियों की आपूर्ति बंद कर दी है। पाकिस्तान और चीन को रोकने के लिए आवश्यक हथियारों का भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रूस ही है। ऐसे में भारत की रक्षा तैयारियों के लिए ये एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

रक्षा सूत्रों के अनुसार अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में चिंताओं के कारण भारत अमेरिकी डॉलर में बिल का निपटान करने में असमर्थ है। जबकि रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण रूस भारतीय मुद्रा में भुगतान स्वीकार करने को तैयार नहीं है। मामले के समाधान के लिए भारत सरकार ने रूस को हथियारों की बिक्री से मिले रुपये का इस्तेमाल भारतीय ऋण और पूंजी बाजार में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि व्लादिमीर पुतिन की सरकार को यह सौदा सही नहीं लगा।

रक्षा सूत्रों के अनुसार संभावित समाधान यूरो और दिरहम में रूस को भुगतान करने का है। ये मुद्राएं सस्ते रूसी कच्चे तेल के भारतीय आयात के लिए भुगतान करने के लिए उपयोग की जाती हैं।   हालांकि, हथियारों के भुगतान के लिए इन मुद्राओं का उपयोग अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है। साथ ही साथ भारत के लिए प्रतिकूल विनिमय दरों के कारण लागत को बढ़ा सकता है।

बता दें कि रूसी हथियारों का इस्तेमाल भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों करती है। भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद की है। इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। सुखोई एसयू-30एमकेआई भारतीय वायु सेना का मुख्य लड़ाकू विमान है। यह विमान रूसी कंपनी सुखोई और भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बना है। इसके पार्ट भी रूस से ही आते हैं। रूस ने भारत को कम से कम तीन अकुला क्लास की परमाणु पनडुब्बी लीज पर दी हैं। ऐसे में भारत को सैन्य आपूर्ति की रूसी डिलीवरी रुकना सेना को कमजोर कर सकता है। दोनों देशों के अधिकारी मामले के समाधान की रास्ता निकालने में जुटे हैं।

Web Title: Russian deliveries of military supplies to India stall due to fears over US sanctions

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