मायावती ने कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना को बताया 'चुनावी धोखा', कहा- ' दोनों पार्टी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं'
By पल्लवी कुमारी | Published: March 27, 2019 01:15 PM2019-03-27T13:15:59+5:302019-03-27T13:15:59+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो सबसे गरीब परिवारों के लिये न्यूनतम आय योजना (न्याय) शुरू की जाएगी। इसके तहत देश के सर्वाधिक गरीब 5 करोड़ परिवार यानी 25 करोड़ लोगों को सालाना 72,000 रुपये दिये जाएंगे।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना को झूठा करार दिया है। मायावती ने कहा है, 'बीजेपी जो आरोप लगा रही है कि गरीबी हटाओ-2 का नारा चुनावी धोखा है यह सच है।' मायावती ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ''सत्ताधरी बीजेपी का कांग्रेस पार्टी पर आरोप कि उसका गरीबी हटाओ-2 का नारा चुनावी धोखा है यह सच है परन्तु क्या चुनावी धोखा व वादा खिलाफी का अधिकार केवल बीजेपी के पास ही है? गरीबों, मजदूरों, किसानों आदि के हितों की उपेक्षा के मामले में दोनों ही पार्टियाँ एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।''
राहुल गांधी का वादा- सालाना 72,000 रुपये दिये जाएंगे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो सबसे गरीब परिवारों के लिये न्यूनतम आय योजना (न्याय) शुरू की जाएगी। इसके तहत देश के सर्वाधिक गरीब 5 करोड़ परिवार यानी 25 करोड़ लोगों को सालाना 72,000 रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने इसे गरीबी मिटाने के लिये अंतिम प्रहार करार दिया।
सत्ताधरी बीजेपी का कांग्रेस पार्टी पर आरोप कि उसका गरीबी हटाओ-2 का नारा चुनावी धोखा है यह सच है परन्तु क्या चुनावी धोखा व वादाखिलाफी का अधिकार केवल बीजेपी के पास ही है?
— Mayawati (@Mayawati) March 27, 2019
गरीबों, मजदूरों, किसानों आदि के हितों की उपेक्षा के मामले में दोनों ही पार्टियाँ एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
कांग्रेस ने यह बताया कि इस योजना के लिए संसाधन कहां से जुटाये जाएंगे
इस योजना को लागू करने के लिये 2019-20 में 3.60 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 1.7 प्रतिशत की जरूरत होगी। अगले वित्त वर्ष के लिये जीडीपी 210 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। कांग्रेस ने हालांकि, अभी यह नहीं बताया कि इसे क्रियान्वित करने के लिये संसाधन कहां से जुटाये जाएंगे। वित्तीय नजरिये से इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर चिंता जतायी जा रही है।
न्यूनतम आय योजना पर विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों और समाज विज्ञानियों का कहना है कि देश के सबसे गरीब 5 करोड़ परिवारों के लिये न्यूनतम आय योजना शुरू करने का वादा सामाजिक सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है लेकिन इसका वित्त पोषण एक मुश्किल कार्य हो सकता है।
अर्थशास्त्री जीन ड्रेज ने पीटीआई -भाषा से कहा, ''न्याय सामाजिक सुरक्षा के लिये एक स्वागतयोग्य प्रतिबद्धता है। हालांकि, इस प्रस्ताव की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है कि इसका वित्त पोषण कैसे होता है और किस प्रकार सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत आबादी की पहचान की जाती है...।''