UP में बसों पर बवाल जारी: कांग्रेस की बसों को यूपी में नहीं मिला प्रवेश, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित हिरासत में लिए गए कई नेता

By स्वाति सिंह | Published: May 19, 2020 08:31 PM2020-05-19T20:31:15+5:302020-05-19T21:12:33+5:30

श्रमिकों के लिए बसों को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहें तो इन बसों पर भाजपा एवं अपने बैनर-पोस्ट लगवा दें, लेकिन इनसे श्रमिकों को, उनके गंतव्यों तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान करें।

Ruckus on buses in Uttar Pradesh: Congress buses did not get entry in UP, many leaders detained, including state president Ajay Kumar Lallu | UP में बसों पर बवाल जारी: कांग्रेस की बसों को यूपी में नहीं मिला प्रवेश, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित हिरासत में लिए गए कई नेता

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची में से कुछ बसों की संख्या बदल दी है और झूठे आरोप लगा रही है।

Highlightsप्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है।उत्तर प्रदेश में प्रवेश कराने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

लखनऊ: कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है। आगरा जिले में राजस्थान बॉर्डर पर भेजी गई कांग्रेस की बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कराने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची में से कुछ बसों की संख्या बदल दी है और झूठे आरोप लगा रही है।

श्रमिकों के लिए बसों को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहें तो इन बसों पर भाजपा एवं अपने बैनर-पोस्ट लगवा दें, लेकिन इनसे श्रमिकों को, उनके गंतव्यों तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान करें।

प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘ उप्र सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों की मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएं सामने रख दीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ जी, इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए, लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए, क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन्ही तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।’’

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘ उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जांच में सही पायी गईं। ऊंचा नागला बॉर्डर (आगरा के निकट) पर आपके (आदित्यनाथ) प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुंच रही हैं।’’ उन्होंने आग्रह किया, ‘‘ कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए। हम आपको कल 200 बसों की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक, आप इस सूची की भी जांच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं तथा दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।’’

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को ले जाने के लिए जिन 1000 बसों की पेशकश की है, उनमें से कई पंजीकरण नंबर दोपहिया, तीन पहिया और कारों के हैं हालांकि कांग्रेस ने इसका खंडन करते हुए चुनौती दी कि योगी आदित्यनाथ की सरकार बसों का ‘भौतिक सत्यापन’ करा ले। कांग्रेस के मुताबिक बसें राजस्थान -उप्र सीमा पर खड़ी हैं और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में प्रवेश की अनुमति का इंतजार कर रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को पेशकश की थी कि अपने घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों के लिए उत्तर प्रदेश की सीमा पर कांग्रेस 1000 बसें मुहैया कराएगी । इस पेशकश पर उत्तर प्रदेश सरकार के दोपहिया एवं कार के पंजीकरण नंबर वाले दावे ने गतिरोध पैदा कर दिया है ।

कांग्रेस ने शुरूआत में दावा किया था कि राज्य की भाजपा सरकार उसकी पेशकश की अनदेखी कर रही है । और तो और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से इंकार कर दिया । कोरोना लॉकडाउन के बाद घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर राजनीति करने का आरोप मढ़ने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि सोमवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस की पेशकश स्वीकार कर ली । सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह बसों, उसके ड्राइवरों और कंडक्टरों की सूची सौंपे । लेकिन गतिरोध यहीं नहीं दूर हुआ ।

इस पर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने जवाब दिया कि बसों को सीमा पर ही लाने की अनुमति दी जाती है । उन्होंने कांग्रेस से कहा कि 19 मई के पत्र में आपने लखनऊ में बसें मुहैया कराने में असमर्थता जतायी है और आप उन्हें गाजियाबाद एवं नोएडा में देना चाहते हैं । अवस्थी ने कांग्रेस से कहा कि वह 500 बसें कौशाम्बी और साहिबाबाद बस स्टैंड पर पहुंचा दें, जहां गाजियाबाद के जिलाधिकारी उन्हें अपने पास ले लेंगे । अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस 500 बाकी बसें गौतम बुद्ध नगर में एक्सपो मार्ट के निकट लगवा दें और वहां के जिलाधिकारी को सौंप दें। अवस्थी ने कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं कि वे ड्राइवर एवं कंडक्टर के ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र, परमिट, फिटनेस, बीमा आदि की जांच करने के बाद तत्काल बसों का इस्तेमाल करें । राज्य सरकार ने हालांकि कहा कि जिन 1000 बसों की सूची सौंपी गयी है, उनमें अन्य वाहनों के पंजीकरण नंबर दर्ज हैं । इसके बाद बसों को लेकर विवाद उठ खडा हुआ ।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कही ये बात 

इस बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट  कर कहा कि झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करना कांग्रेस पार्टी के डीएनए में है और बस घोटाला कांग्रेस के घोटालों में नयी कड़ी है । मौर्य ने कहा कि 'बस घोटाला' बोफर्स, 2—जी, कोल गेट और राष्ट्रमंडल घोटालों की श्रृंख्ला में नयी कड़ी है । कांग्रेस बसों के नाम पर आटो रिक्शा और मोटरसाइकिलों का ब्यौरा देकर मजदूरों का मजाक बना रही है । मौर्य ने एक अन्य टवीट में कहा, “कांग्रेस अपनी ही चाल में फंस गयी है । बसों की सूची में भी घोटाला है।” प्रदेश के ही उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयत्न कर रही है और उसे अपना बर्ताव सुधारना चाहिए ।

अखिलेश यादव ने भी किया ट्वीट 

उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट  कर कहा कि उत्तर प्रदेश की आम जनता हैरत में है कि राज्य सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए हजारों बसों का उपयोग क्यों नहीं कर रही है । बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास 1000 बसें हैं तो उसे उन्हें लखनउ भेज देना चाहिए, जहां बडी संख्या में लोग घर जाने का इंतजार कर रहे हैं ।

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