मुसलमानों के बारे में मोहन भागवत ने कहा- हिंदू राष्ट्र का यह अर्थ नहीं कि...

By भाषा | Published: September 18, 2018 11:29 PM2018-09-18T23:29:46+5:302018-09-18T23:29:46+5:30

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा, ‘‘संघ सार्वभौमिक भाइचारे की दिशा में काम करता है और इस भाइचारे का मूलभूत सिद्धांत विविधता में एकता है।

RSS mohan bhagwat says Hindu rashtra doesn't mean, India is not for Muslim | मुसलमानों के बारे में मोहन भागवत ने कहा- हिंदू राष्ट्र का यह अर्थ नहीं कि...

मुसलमानों के बारे में मोहन भागवत ने कहा- हिंदू राष्ट्र का यह अर्थ नहीं कि...

नई दिल्ली, 18 सितंबर:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र’ का अर्थ यह नहीं है कि यहां मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं है और यह अवधारणा सभी आस्थाओं और धर्मों के लिए समावेशी है।

भागवत ने कहा, ‘‘संघ सार्वभौमिक भाइचारे की दिशा में काम करता है और इस भाइचारे का मूलभूत सिद्धांत विविधता में एकता है। यह विचार हमारी संस्कृति से आता है जिसे दुनिया हिंदुत्व कहती है। इसलिए हम इसे हिंदू राष्ट्र कहते हैं।’’ 

संघ की विचारधारा को सभी को साथ में लेकर चलने वाला बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि उसमें मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं है। जिस दिन ऐसा कहा जाएगा, तो यह हिंदुत्व नहीं रहेगा। हिंदुत्व वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है।’’ 

उन्होंने यहां संघ की तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के दूसरे दिन कहा कि हिंदुत्व भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का सारतत्व है और इसका उद्देश्य विभिन्न आस्थाओं ओर विचारों के लोगों के बीच बंधुत्व की भावना को मजबूत करता है।  संघ प्रमुख ने कहा कि बी आर अंबेडकर ने संविधान सभा में अपने एक भाषण में विश्व बंधुत्व की बात की थी और देशवासियों के बीच भाइचारे को बढ़ावा देने पर जोर दिया था।

उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने लोगों की मर्यादा और देश की अखंडता भी सुनिश्चित करने की बात कही थी। भागवत ने कहा कि हिंदुत्व ‘भारतीय’ की अवधारणा के समानार्थी है जो सभी भारतीयों को परिभाषित करता है और विविधता में एकता को झलकाता है। उन्होंने कहा कि संघ सर्वे भवंतु सुखिन: की अवधारणा में विश्वास करता है। हमें कोई एक भाषा या भगवान नहीं बांधते।

उन्होंने कहा, ‘‘हम विभिन्न राज्यों, भाषाओं और जातियों में बंटे हैं। इसके बावजूद हम भारत माता की संतान और सार्वभौमिक मानव मूल्यों के अनुयायी होने का दावा करते हैं।’’ भागवत ने कहा कि इस्लाम को मानने वालों ने भी कहा था कि पूजा-अर्चना के तरीके अलग हो सकते हैं, लेकिन वे ‘भारत माता’ की ही संतान हैं।

मंगलवार को संघ के व्याख्यान में अमेरिका, सिंगापुर, जर्मनी, जापान और सर्बिया के विदेशी मिशनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, गिरिराज सिंह और विजय संपला ने, जदयू नेता के सी त्यागी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश और पूर्व सैन्य कमांडरों ने भी भाग लिया।

Web Title: RSS mohan bhagwat says Hindu rashtra doesn't mean, India is not for Muslim

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