RSS की बेंगलुरु में इस बार बैठक, पहली बार मुख्यालय नागपुर से बाहर होगा सरकार्यवाह का चुनाव
By नितिन अग्रवाल | Published: March 4, 2021 08:13 AM2021-03-04T08:13:55+5:302021-03-04T08:14:30+5:30
आरएसएस के अनुसार महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार के निर्धारित प्रोटोकॉल के कारण इस साल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर से बाहर होगी।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शीर्ष इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इस बार मुख्यालय नागपुर के बाहर बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है. साल में एक बार होने वाली बैठक बेहद खास होती है लेकिन इस बार चुनावी वर्ष होने के चलते इसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पहली बार बैठक का आयोजन नागपुर से बाहर किया जा रहा है. संघ के पदाधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में सरकार के निर्धारित प्रोटोकॉल को देखते हुए इस वर्ष अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर से बाहर की जा रही है. महाराष्ट्र में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए बैठक बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है.
पहले बैठक हर वर्ष केवल नागपुर में बुलाई जाती थी. लेकिन बाद में तय किया गया कि तीसरे साल चुनावी वर्ष के बीच के दो वर्षों की बैठक नागपुर से बाहर दूसरे प्रांतों में आयोजित की जाएगी. बैठक में प्रतिनिधियों की संख्या भी कम रखी गई है.
संघ पदाधिकारी के अनुसार चुनावी वर्ष में होने के नाते जिला संघ चालक, प्रांत संघ चालक, विभाग संघ चालक का चुनाव किया जाता है. इसके साथ ही संगठन का शीर्षस्थ कार्यकारी पद सरकार्यवाह के लिए भी चुनाव होता है. पिछले एक दशक से ये जिम्मेदारी भैयाजी जोशी संभाल रहे हैं.
इस बार संगठन को नए सरकार्यवाह मिलने की चर्चा है. हालांकि इस तरह की चर्चाएं पहले भी होती रही हैं, लेकिन भैयाजी एक दशक से अधिक समय से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. 2009 में उन्हें पहली बार पद के लिए चुना गया था.
RSS: राजनीतिक, सामाजिक सहित कई प्रस्ताव
बैठक में देश भर से आए संघ के प्रतिनिधि वर्ष भर की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत करेंगे. साथ ही शाखाओं की संख्या में होने वाली बढ़ोत्तरी की भी जानकारी दी जाएगी. कोरोना काल के बाद होने वाली यह पहली बैठक है. लिहाजा माना जा रहा है कि संघ द्वारा कोरोना काल में किए गए कामों पर भी चर्चा होगी.
राम मंदिर को लेकर सहयोग अभियान पर चर्चा संघ के कुछ पदाधिकारियों ने इस बार आर्थिक प्रस्ताव भी पेश किए जाने की संभावना जताई है. इसके अतिरिक्त राम मंदिर और उसे लेकर चलाए गए सहयोग अभियान पर भी चर्चा हो सकती है.