संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा-हिंदू परिवार एक, मंदिर हो या फिर श्मशान कोई भेदभाव जाति के आधार पर न हो

By एस पी सिन्हा | Published: December 7, 2020 08:38 PM2020-12-07T20:38:20+5:302020-12-07T20:40:19+5:30

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंंसेवक तन-मन से हर काम करें. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (एबीकेएम) की क्षेत्र स्तर की दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता में कहा कि कोविड-19 महामारी में और काम कीजिए.

rss chief sar Sanchalanak Dr Mohan Bhagwat every caste has equal right on temples meeting bihar patna | संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा-हिंदू परिवार एक, मंदिर हो या फिर श्मशान कोई भेदभाव जाति के आधार पर न हो

संघ प्रमुख ने कहा कि इस समाज में मंदिर, जलस्रोत और श्मशान सभी वर्ग के लिए एक हो. (file photo)

Highlightsमंदिर, श्मशान तथा जलाशयों पर सभी जातियों का बराबर का हक: संघ प्रमुख.कोई भी ऐसी जाति नहीं है जिसमें श्रेष्ठ, महान तथा देशभक्त लोगों ने जन्म नहीं लिया.

पटनाः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघसंचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा है कि स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के आधार पर सेवा कार्य को स्वयंसेवक आगे बढाएं.

वे आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के उत्तर-पूर्व क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे. संघ प्रमुख ने कहा कि इस समाज में मंदिर, जलस्रोत और श्मशान सभी वर्ग के लिए एक हो. हमारा समाज एक परिवार है. इसलिए किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. पर्यावरण को सुरक्षित रखकर ही हम अपने भविष्य को संरक्षित कर सकते हैं. 

उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि स्वयंसेवकों को सामाजिक समरसता एवं पर्यावरण जैसे विषयों पर सजग एवं सक्रिय रहने की जरूरत है. जल संरक्षण, जल प्रबंधन, जल का अपव्यय, पौधारोपण एवं प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी जैसे जागरूकता अभियान चलाने पर भी बल दिया गया.

इस दो दिवसीय बैठक में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण, जल संरक्षण और कोरोना कालखंड में संघ के स्वयंसेवकों की तरफ से किये गये सेवा कार्य की चर्चा और समीक्षा की गई. बैठक में शाखा विस्तार और दृढीकरण पर भी चर्चा की गई. पटना में आयोजित बैठक में तमाम विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.

प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए भी जोर दिया गया

इस बैठक में प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए भी जोर दिया गया. कोरोना कालखंड के कारण बदले हुए परिवेश में स्वयंसेवकों का आह्वान किया गया कि वे अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करें. वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बिहार के लिए अपना नया मिशन तय कर लिया है. बिहार में संघ अपनी शाखाओं का विस्तार करेगा.

उत्तर पूर्वी क्षेत्र की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक में यह फैसला लिया गया है. पटना में 5 और 6 दिसंबर को चली इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत अन्य बडे़ संगठनकर्मी शामिल हुए थे और इसमें बिहार के अंदर शाखा की संख्या बढाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है.

बिहार के साथ साथ है झारखंड में अब तक 3000 से अधिक संघ की शाखाएं हैं. लेकिन अब आरएसएस इसका विस्तार चाहता है. संघ ने यह तय किया है कि कोरोना के बावजूद अब गाइडलाइन का पालन करते हुए संघ की शाखाएं नियमित रूप से लगेगी.

संगठन विस्तार के लिए नए सिरे से लक्ष्य निर्धारित किया

संघ प्रमुख ने बिहार और झारखंड के अंदर संगठन विस्तार के लिए नए सिरे से लक्ष्य निर्धारित किया है. हर स्वयंसेवक सक्रियता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें इसके लिए उन्हें आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. संघ ने बिहार के लिए आगामी कार्यक्रम भी तय किए हैं.

इतना ही नहीं बिहार झारखंड की इस महत्वपूर्ण बैठक में एक प्रस्ताव भी पास किया गया है. मंदिर, जलश्रोत और श्मशान के लिए जारी इस प्रस्ताव में यह तय किया गया है कि इन सभी जगहों पर सबकी पहुंच हो. यहां कोई भेदभाव ना हो. संघ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हिंदू परिवार एक है और मंदिर हो या फिर श्मशान यहां कोई भेदभाव जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए.

इसके अलावा संघ ने पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए जल संरक्षण, जल प्रबंधन और वृक्षारोपण और प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी जैसे जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की है. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावे सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले और सुरेश सोनी, अखिल भारतीय सह प्रचारक अरुण जैन और सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर भी मौजूद रहे.

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