370 हटने के डर से 'टारगेटेड' हत्याएं हो रहीं, बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- 'स्वतंत्रता' तक का हमारा सफर अभी पूरा नहीं हुआ है

By अनिल शर्मा | Published: October 15, 2021 10:04 AM2021-10-15T10:04:37+5:302021-10-15T12:36:41+5:30

इस मौके पर भागवत ने कहा कि देश के सभी लोग हिंदू पूर्वजों के वंशज हैं। कोई भाषा, पूजा पद्धति छोड़ने की जरुरत नहीं बस कट्टरपंथी सोच छोड़ना जरूरी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से 370 हटने को लेकर कहा कि इससे लोगों का डर खत्म हुआ इसलिए दोबारा डर पैदा करने के लिए वहां देशविरोधी ताकतें टारगेट हत्याएं कर रहे हैं।

rss chief mohan bhagwat said Our journey till freedom is not complete yet targeted killings are happening for fear of abrogation of 370 in jammu | 370 हटने के डर से 'टारगेटेड' हत्याएं हो रहीं, बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- 'स्वतंत्रता' तक का हमारा सफर अभी पूरा नहीं हुआ है

370 हटने के डर से 'टारगेटेड' हत्याएं हो रहीं, बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- 'स्वतंत्रता' तक का हमारा सफर अभी पूरा नहीं हुआ है

Highlightsइस मौके पर भागवत ने कहा कि देश के सभी लोग हिंदू पूर्वजों के वंशज हैंकोई भाषा, पूजा पद्धति छोड़ने की जरुरत नहीं बस कट्टरपंथी सोच छोड़ना जरूरी है

नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को नागपुर में विजयादशमी (दशहरा) के अवसर पर 'शस्त्र पूजा' की। नागपुर के महल इलाके में स्थित आरएसएस का मुख्यालय में भागवत ने आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार और एमएस गोलवलकर के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा, उन्होंने स्वयंसेवकों द्वारा अभ्यास में भी हिस्सा लिया।

इस मौके पर भागवत ने कहा कि देश के सभी लोग हिंदू पूर्वजों के वंशज हैं। कोई भाषा, पूजा पद्धति छोड़ने की जरुरत नहीं बस कट्टरपंथी सोच छोड़ना जरूरी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से 370 हटने को लेकर कहा कि इससे लोगों का डर खत्म हुआ इसलिए दोबारा डर पैदा करने के लिए वहां देशविरोधी ताकतें टारगेट हत्याएं कर रहे हैं।

स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा एक बार फिर से उठाया और कहा कि जनसंख्या का अंसुतलन देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर धर्मांतरण और घुसपैठ रोकने के लिए जरूरी है।

हम एक ऐसी संस्कृति नहीं चाहते जो विभाजन को चौड़ा करेः RSS प्रमुख

हम एक ऐसी संस्कृति नहीं चाहते जो विभाजन को चौड़ा करे, बल्कि वह है जो देश को एक साथ बांधे और प्रेम को बढ़ावा दे... इसलिए, जयंती, त्योहार जैसे विशेष अवसर एक साथ मनाए जाने चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने अपने संबोधन में आगे कहा, 'स्वाधीनता' से 'स्वतंत्रता' तक का हमारा सफर अभी पूरा नहीं हुआ है। दुनिया में ऐसे तत्व हैं जिनके लिए भारत की प्रगति और एक सम्मानित स्थिति में उसका उदय उनके निहित स्वार्थों के लिए हानिकारक है।

भारत की परंपराओं, धर्म, वर्तमान इतिहास की निंदा करने के प्रयास जारी हैंः भागवत

भागवत ने कहा कि भारत की परंपराओं, धर्म, वर्तमान इतिहास की निंदा करने के प्रयास जारी। देश का विभाजन एक दुखद इतिहास है, इस इतिहास की सच्चाई का सामना करना चाहिए, खोई हुई अखंडता और एकता को वापस लाने के लिए नई पीढ़ी को उस इतिहास को जानना चाहिए।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण होना चाहिएः भागवत

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जाता है, उस पर कोई नियंत्रण नहीं है, कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हैं। नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है...इसे कैसे रोकें? आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कहते हैं, ऐसे व्यवसायों के पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है... इन सब पर नियंत्रण होना चाहिए।

Web Title: rss chief mohan bhagwat said Our journey till freedom is not complete yet targeted killings are happening for fear of abrogation of 370 in jammu

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