संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- आजादी के बाद से वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम, अगला लक्ष्य स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद का
By भाषा | Published: October 12, 2021 08:58 PM2021-10-12T20:58:53+5:302021-10-12T21:06:36+5:30
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ‘‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’’ का विमोचन करते हुए यह बात कही।
नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने वीर सावरकर के बारे में सही जानकारी का अभाव होने का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही उन्हें बदनाम करने की मुहिम चली है और अब अगला लक्ष्य स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद हो सकते हैं।
मोहन भागवत ने उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ‘‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’’ का विमोचन करते हुए यह बात कही। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। सरसंघचालक भागवत ने कहा, ‘‘भारत में आज के समय में सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है। यह एक समस्या है।
सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। यह स्वतंत्रता के बाद खूब चली। ’’ उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि सावरकर सामने थे। भारत को जोड़ने से जिनकी दुकान बंद हो जायेगी, उन्हें यह अच्छा नहीं लगता था। उन्होंने कहा कि अब इसके बाद अगला लक्ष्य स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद को बदनाम करने का हो सकता है क्योंकि सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे। मोहन भागवत ने कहा कि 1857 की क्रांति के समय हिन्दू और मुसलमान एक साथ थे लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें बांटने का काम किया।
सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया, हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा। सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना जरूरी समझा: वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख pic.twitter.com/4oJZ3HfXBD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 12, 2021
उन्होंने कहा कि हमारी पूजा विधि अलग- अलग है लेकिन पूर्वज एक हैं । हम अपनी मातृभूमि तो नहीं बदल सकते। उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वालों को वहां प्रतिष्ठा नहीं मिली। सरसंघचालक ने कहा कि हमारी विरासत एक है जिसके कारण ही हम सभी मिलकर रहते हैं, वहीं हिन्दुत्व है तथा हिंदुत्व एक ही है जो सनातन है।
Speaking at the Book Launch event of ‘Veer Savarkar: The Man Who Could Have Prevented Partition’. Watch https://t.co/5rfIZ6B4qH
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2021
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर शुद्ध वैज्ञानिक विचारधारा के थे तथा तर्क एवं प्रत्यक्ष प्रमाण के आधार पर बात करते थे । भागवत ने कहा, ‘‘प्रजातंत्र में राजनीतिक विचारधारा के अनेक प्रवाह होते हैं, ऐसे में मतभिन्नता भी स्वाभाविक है लेकिन अलग अलग मत होने के बाद भी एकसाथ चलें, यह महत्वपूर्ण है। विविध होना सृष्टि का श्रृंगार है। यह हमारी राष्ट्रीयता का मूल तत्व है।’’
सरसंघचालक ने कहा कि जिनको यह पता नहीं है, ऐसे छोटी बुद्धि वाले ही सावरकर को बदनाम करने का प्रयास करते हैं । उन्होंने कहा कि हमारा विचार सभी के लिये शुभेच्छा और किसी का तुष्टिकारण नहीं है, कोई अल्पसंख्यक नहीं बल्कि सभी के अधिकार एवं कर्तव्य समान हैं । भागवत ने कहा कि देश में बहुत राष्ट्रभक्त मुस्लिम हैं, जिनके नाम गूंजने चाहिए।