प्रति व्यक्ति कर्ज में 27,200 रुपये की बढ़ोतरी, बजट में सरकार बताए, यह बोझ कैसे कम होगा: कांग्रेस

By भाषा | Published: January 29, 2020 06:05 AM2020-01-29T06:05:40+5:302020-01-29T06:05:40+5:30

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘देश के ऊपर कुल कर्ज, जो मार्च, 2014 में 53 लाख करोड़ रुपये था, वो सितम्बर, 2019 में 91 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब कि साढ़े पांच साल में कुल कर्ज में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगर हम इसको प्रतिवर्ष बढ़ोतरी में नापें तो ये वृद्धि 10.3 प्रतिशत है।’’

Rs 27200 increase in per capita debt, how will this burden be reduced, Asks Congress | प्रति व्यक्ति कर्ज में 27,200 रुपये की बढ़ोतरी, बजट में सरकार बताए, यह बोझ कैसे कम होगा: कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस ने बजट सत्र से कुछ दिनों पहले मंगलवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ‘गलतियों और आर्थिक कुप्रबंधन’ के कारण पिछले साढ़े पांच साल में देश में प्रति व्यक्ति कर्ज में 27,200 रुपये की बढ़ोतरी हुई।पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में यह बताना चाहिए कि देश के लोगों के ऊपर से कर्ज का बोझ कैसे कम होगा।

कांग्रेस ने बजट सत्र से कुछ दिनों पहले मंगलवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ‘गलतियों और आर्थिक कुप्रबंधन’ के कारण पिछले साढ़े पांच साल में देश में प्रति व्यक्ति कर्ज में 27,200 रुपये की बढ़ोतरी हुई। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में यह बताना चाहिए कि देश के लोगों के ऊपर से कर्ज का बोझ कैसे कम होगा।

वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले साढ़े पांच साल में प्रति व्यक्ति कर्ज 27,200 रुपये बढ़ा। वर्ष 2014 में प्रति व्यक्ति कर्ज 41,200 रुपये था जो गत साढ़े पांच वर्षों में बढ़कर 68,400 रुपये हो गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि एक फीसदी भारतीय लोगों के पास 70 फीसदी भारतीय गरीबों से चार गुना संपत्ति है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘देश के ऊपर कुल कर्ज, जो मार्च, 2014 में 53 लाख करोड़ रुपये था, वो सितम्बर, 2019 में 91 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब कि साढ़े पांच साल में कुल कर्ज में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगर हम इसको प्रतिवर्ष बढ़ोतरी में नापें तो ये वृद्धि 10.3 प्रतिशत है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसके छह लाख करोड़ रुपये पीछे रहने का अनुमान है।’’ वल्लभ ने सवाल किया कि ऐसी स्थिति में बड़े बड़े निवेश की बात कैसे होगी? उन्होंने कहा, ‘‘कर्ज बढ़ने से देश की रेटिंग घटती है। यही स्थिति रही तो भारत निवेश के लिहाज से आकर्षक नहीं रह पाएगा।’’

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘देश कर्ज का यह बोझ कैसे उठाएगा? भारत के लोग आपकी गलतियों और कुप्रबंधन का बोझ क्यों उठाएंगे?’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री को बजट में इसका उल्लेख करना चाहिए कि सरकार कर्ज के इस बोझ को कम करने के लिए क्या करने वाली है।’’

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए वल्लभ ने कहा, ‘‘एक वित्त राज्य मंत्री हैं, उनको आपने कभी वित्त या बैंकिंग अथवा अर्थव्यवस्था के ऊपर बोलते सुना? अगर अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए उनका कोई वीडियो मिले तो मेरे साथ जरुर साझा करिएगा।’’ उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि अर्थव्यवस्था को लेकर उनका (ठाकुर) दृष्टिकोण है, लेकिन वो विचित्र है। इस दृष्टिकोण को अर्थशास्त्र के छात्र नहीं समझ सकते। उसके लिए कोई दूसरी ट्रेनिंग की जरुरत पड़ती है।’’ 

Web Title: Rs 27200 increase in per capita debt, how will this burden be reduced, Asks Congress

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