लालू प्रसाद यादव पर बोले तेजस्वी, कहा-अभी घर नहीं, एम्स में इलाज कराएंगे राजद प्रमुख, जानें तेज प्रताप और मीसा भारती ने क्या कहा
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 17, 2021 02:53 PM2021-04-17T14:53:39+5:302021-04-17T17:40:58+5:30
झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में दुमका कोषागार से गबन के मामले में शनिवार को करीब चालीस माह बाद जमानत दे दी।
पटनाः झारखंड उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में शनिवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जमानत दे दी और इसके साथ ही उनके जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया। न्यायमूर्ति ए के सिंह ने प्रसाद को जमानत दी।
लालू को जमानत मिलने से राजद समर्थकों में खुशी की लहर है। लालू यादव यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें भरोसा था कि न्याय मिलेगा। वह अभी एम्स में भर्ती हैं। इलाज चल रहा है। किडनी में संक्रमण काफी ज्यादा है और सांस लेने में तकलीफ है। उनका इलाज अभी एम्स में ही चलेगा।
तेजस्वी ने कोरोना को देखते हुए कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे घरों में ही जश्न मनाएं। तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने आधी सजा काट ली है। इसी आधार पर रांची हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। हम हाईकोर्ट के शुक्रगुजार हैं। जमानत मिलना राजद के एक-एक कार्यकर्ता के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि गरीबों के मसीहा बाहर आ रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा, 'गरीबों, वंचितों, पिछड़ों का रहनुमा आ रहा है, बता दो अन्याय करने वालों को की हमारा नेता आ रहा है...'।
He is suffering from serious ailments. His treatment will continue. People, especially the poor, are happy that their messiah will come out now: Tejashwi Yadav, Lalu Yadav's son & RJD leader
— ANI (@ANI) April 17, 2021
अदालत ने उन्हें जमानत अवधि के दौरान बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जाने तथा अपना पता और मोबाइल नंबर नहीं बदलने का निर्देश दिया। लालू अभी नई दिल्ली एम्स में न्यायिक हिरासत में भर्ती हैं।सीबीआई की विशेष अदालत में जमानत संबंधी प्रक्रिया पूरी होने पर उनके सोमवार को रिहा हो जाने की संभावना है। उन्हें चारा घोटाले के अन्य तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। लालू के स्थानीय अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि लालू की रिहाई के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई सोमवार को सीबीआई अदालत खुलने पर पूरी कर लिये जाने की संभावना है।
अभी लालू देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की राशि के गबन के आरोप में यहां सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराये जाने के बाद से जेल में थे। सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानत बांड, निजी मुचलके आदि की प्रक्रिया पूरी कर लेने पर उनके रिहा हो जाने की संभावना है क्योंकि चारा घोटाले के अन्य तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। लालू के स्थानीय अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि लालू की रिहाई के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई सोमवार को सीबीआई अदालत खुलने पर पूरी कर लिये जाने की संभावना है।
आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी को ज़मानत मिली।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 17, 2021
अदालत में शनिवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से केन्द्र सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव सिन्हा ने लालू प्रसाद को फिलहाल जमानत देने का यह कह कर विरोध किया कि दुमका कोषागार मामले में उन्हें 14 वर्ष की जेल की सजा सुनायी है लिहाजा जमानत के लिए आधी सजा पूरी करने का आधार तभी माना जायेगा जब लालू इस मामले में न्यायिक हिरासत में सात वर्ष की अवधि पूरी कर लेंगे। लालू की ओर से दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआई की दलील का विरोध किया और कहा कि 19 फरवरी को उच्च न्यायालय ने स्वयं माना था कि लालू को जमानत देने के लिए सिर्फ एक माह, 17 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि और पूरी करनी है।
सिब्बल ने कहा कि लालू ने दुमका मामले में तय सात वर्ष की कैद की सजा की आधी अवधि छह अप्रैल को ही पूरी कर ली है। पीठ ने यह भी कहा कि 19 फरवरी के आदेश को सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती भी नहीं दी है लिहाजा अब तक की परंपरा के अनुसार चारा घोटाले के किसी मामले में सजा की आधी अवधि न्यायिक हिरासत में पूरी कर लेने के चलते लालू को दुमका कोषागार से गबन के मामले में जमानत दी जाती है। न्यायालय ने आदेश में लालू की 73 वर्ष की उम्र एवं उनकी बीमारियों का भी जिक्र किया है।
अदालत ने उन्हें जमानत के लिए दुमका मामले में जुर्माने की साठ लाख रुपये की राशि में से दस लाख रुपये की रकम निचली अदालत में जमा करवाने और एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलके देने के भी निर्देश दिये। लालू को निचली अदालत में अपना पासपोर्ट भी जमा करना होगा और जमानत की अवधि में वह बिना अनुमति के विदेश यात्रा नहीं कर सकेंगे।
लालू इस दौरान न तो अपना पता बदल सकेंगे और न ही मोबाइल फोन नंबर बदल सकेंगे। लालू को चाईबासा के दो मामलों में और देवघर कोषागार से गबन के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है लिहाजा इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह न्यायिक हिरासत से छूट सकेंगे।
इससे पूर्व 19 फरवरी को दुमका मामले में ही सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने लालू की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि उन्होंने इस मामले में उन्हें मिली सजा की आधी अवधि अभी पूरी नहीं की थी। इससे पूर्व निमोनिया की शिकायत पर बेहतर इलाज के लिए उन्हें 23 जनवरी को रांची स्थित राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान (रिम्स) से एयर एंबुलेंस से एम्स ले जाया गया था।
(इनपुट एजेंसी)