राजद ने जदयू के साथ किसी भी तरह के गठजोड़ को नकारा, कहा- 'नीतीश कुमार के साथ मिलकर नहीं बनाएंगे सरकार'
By एस पी सिन्हा | Published: August 8, 2022 08:18 PM2022-08-08T20:18:59+5:302022-08-08T20:23:26+5:30
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के सहयोग से सरकार का गठन नहीं करेगी और इस संबंध में राजद-जदयू के बीच कोई बात नहीं हुई है।
पटना: बिहार में चरम पर पहुंच चुकी सियासी सरगर्मी के बीच राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि हम हर युद्ध के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने जदयू के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ मिलकर राजद सरकार नहीं बना रही है। नीतीश कुमार से बिहार में सरकार बनाने को लेकर हमारी कोई बात नहीं हुई है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में नीतीश और तेजस्वी यादव के साथ आने की संभावना निकट भविष्य में नहीं है। जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद विधायक और सांसदों की होने वाली बैठक का मकसद राजद के संगठन को मजबूती प्रदान करना है। बिहार विधानसभा चुनाव 2024 और लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ी तैयारियों को लेकर राजद ने यह बैठक बुलाई है।
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा आने वाले समय में किस प्रकार से पार्टी बिहार में खुद सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित करे, कैसे सबसे ज्यादा सीटें जीतें? इसे लेकर राजद के विधायकों और सांसदों की बैठक होगी। इस बैठक का किसी नए सियासी समीकरण से कोई मतलब नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को हमने आमंत्रित नहीं किया है, गठबंधन को लेकर उनसे हमारी कोई बात नहीं हुई है। हमने किसी को प्रस्ताव नहीं भेजा है। ऐसी कयासबाजी पर आश्चर्य प्रगट करते हुए सिंह ने कहा कि समझ में नहीं आता है कि इस तरह की अफवाहें कहां से शुरू होती हैं और कौन लोग इसके पीछे हैं। हमें इस बात की कोई भी जानकारी नहीं है।
दरअसल ऐसी संभावना जताई जा रही है कि नीतीश कुमार जल्द ही एनडीए से नाता तोड़ सकते हैं। वे राजद के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार बनाने को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। इसे लेकर मंगलवार को होने वाली जदयू की बैठक में बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। इस बीच आज राजद की बैठक हुई है। वहीं कांग्रेस और वाम दल सहित 'हम' ने भी पार्टी की बैठक बुलाई है। इसलिए बिहार में अचानक से इन बैठकों के होने से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगले 48 घंटे बिहार की राजनीति के लिए बेहद खास होंगे क्योंकि इस दौरान सभी दलों की होने वाली बैठक में क्या निर्णय होता है, उसी से बिहार की राजनीति के नए समीकरण का भविष्य तय होगा।