रांची में स्थित सबसे बड़े अस्पताल रिम्स का हाल: मरीजों के लिए जगह की कमी, राजद प्रमुख लालू यादव के लिए करा लिए 18 कमरे खाली
By एस पी सिन्हा | Published: July 26, 2020 03:17 PM2020-07-26T15:17:10+5:302020-07-26T15:18:03+5:30
झारखंड के सबसे बडे अस्पताल रिम्स में राज्य सरकार ने कोविड-19 के इलाज की व्यवस्था की है. रिम्स में पहले से 100 बेड का कोविड वार्ड था.मरीजों की संख्या बढ़ी तो मेडिसिन वार्ड के दो और वार्ड को कोविड वार्ड बना दिया गया है.
रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में गरीब-गुरबों के मसीहा कहे जाने वाले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की खातिरदारी के लिए 18 कमरे खाली करवा दिए गए हैं. जबकि हालात ये हैं कि वार्ड में जगह और बेड की कमी के चलते जहां आम आदमी फर्श पर लेटकर अपनी बीमारी का इलाज करा रहा है. कहा जा रहा है कि लालू को कोराना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए यह वीवीआइपी व्यवस्था की गई है. इस तरह लालू प्रसाद यादव भले ही बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने के बाद रिम्स में इलाज करवाए रहे हो लेकिन अभी उनका जलवा कम नहीं हुआ है.
यहां बता दें कि कि इन दिनों राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में बेड नहीं होने से मरीजों का फर्श पर बेड लगाकर इलाज किया जा रहा है. ऐसे में सियासी दल यह सवाल उठा रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी के इस मुश्किल दौर में चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव यदि सत्तारुढ गठबंधन में शामिल दल, राजद के प्रमुख नहीं होते, तो एक साधारण कैदी की तरह रिम्स में उनका भी इलाज चल रहा होता. लेकिन, सरकार की कृपा से 18 कमरे बेवजह खाली करा दिये गए हैं.
उल्लेखनीय है कि रांची के रिम्स को सरकार ने कोरोना के लिए खास अस्पताल बनाया है. लेकिन यहां आम मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है क्योंकि लालू यादव के लिए डेढ दर्जन कमरों को खाली करा दिया गया है. इसको लेकर भाजपा ने सवाल खडा कर दिया है. झारखंड भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पूछा है कि किसके आदेश पर इन कमरों को खाली रखा गया है?
दरअसल, झारखंड के सबसे बडे अस्पताल रिम्स में राज्य सरकार ने कोविड-19 के इलाज की व्यवस्था की है. रिम्स में पहले से 100 बेड का कोविड वार्ड था. मरीजों की संख्या बढ़ी तो मेडिसिन वार्ड के दो और वार्ड को कोविड वार्ड बना दिया गया है. कुल मिलाकर रिम्स में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 172 बेड रखा गया है. कुछ मरीजों को पेइंग वार्ड में भी रखा गया है. अब स्थिति यह है कि रिम्स में आम कोरोना मरीज के लिए कोई बेड खाली नहीं है. गंभीर रूप ये बीमार लोग भी अस्पताल से वापस लौट जा रहे हैं. ऐसे में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जिस वार्ड में भर्ती हैं वहां एक भी मरीज नहीं रखा गया है. लालू प्रसाद यादव रिम्स के जिस पेइंग वार्ड में भर्ती हैं वहां 18 कमरे हैं. आरोप ये लग रहा है कि लालू के वार्ड के सारे कमरों को सिर्फ इसलिए खाली रखा गया है कि कहीं दूसरे मरीजों से लालू यादव को संक्रमण नहीं फैल जाये. दूसरी ओर रिम्स की हालत ये है कि बेड नहीं होने का हवाला देकर कोरोना संक्रमित मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है.
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा के नाम पर रिम्स में 18 कमरों को बंद रखने पर सवाल उठाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि एक ओर जहां मरीज बेड के लिए परेशान हो रहे वहीं रिम्स में 18 कमरों को बेवजह बंद रखा गया है. बाबूलाल मरांडी ने पूछा है कि आखिर किसके निर्देश पर ऐसा किया गया है? मरांडी ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार के कोविड सेंटरों में बेड कम पड गये हैं. इस पर रांची हाईकोर्ट ने कडी टिप्पणी की है. जिन 19 कमरों को खाली रखा गया है वहां कम से कम 40 मरीजों का तो इलाज हो ही सकता है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि लालू यादव खुद एक संवेदनशील व्यक्ति हैं. हो सकता है कि यह उनकी जानकारी में नहीं हो कि रिम्स के 18 कमरों को उनके लिए खाली छोडा गया है. मरांडी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि जब लालू यादव को ये पता चलेगा कि कुछ लोग उनकी सुरक्षा के नाम पर ऐसी मनमानी कर रहे हैं तो वे इन चीजों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. मरांडी ने अपने पत्र में कहा है कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री को भी इसकी जानकारी नहीं हो. ऐसे में मुख्यमंत्री कोरोना के इस नाजुक मौके पर इस तरह की मनमानी की अनदेखी नहीं करेंगे और रिम्स के पेइंग वार्ड के बंद कमरों को अविलंब खोल कर वहां मरीजों को रखने का निर्देश देंगे.