RTI में खुलासाः महाराष्ट्र में पिछले 6 साल में 15 हजार से ज्यादा किसानों ने की खुदकुशी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2019 02:07 PM2019-10-19T14:07:36+5:302019-10-19T14:07:36+5:30
2019 के शुरुआती दो महीनों में यवतमाल, अमरावती, बीड़, अहमदनगर, बुलधाना इत्यादि जिलों में सर्वाधिक किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए।
महाराष्ट्र में 2013 से 2018 के बीच 15 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। बिजनेस टुडे ने एक आरटीआई के हवाले से इस बात का खुलासा किया है। 1 जनवरी 2019 से 28 फरवरी 2019 तक दो महीने के दौरान भी 396 किसानों ने खुदकुशी की। इसमें से 102 मृतकों के परिजनों को सरकार ने मुआवजा भी दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद ने सरकार से ये जानकारी मांगी थी। इसके मुताबिक 2013 में कुल 1296, 2014 में कुल 2039, 2015 में 3263, 2016 में 3080, 2017 में 2917 और 2018 में 2762 किसानों ने खुदकुशी की। इस तरह 2013 से 2018 के बीच 15,356 किसानों ने अपनी जान दे दी।
2019 के शुरुआती दो महीनों में यवतमाल, अमरावती, बीड़, अहमदनगर, बुलधाना इत्यादि जिलों में सर्वाधिक किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए।
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद ने बिजनेस टुडे को बताया, 'भारत की 70 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है। किसान अनाज पैदा करने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। लेकिन यही किसानों सालों से गुरबत की जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने इस हालत से उबारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों की आत्महत्या का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन किसानों की आत्महत्या के लिए एनसीपी सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की नीतियों को दोषी ठहरा रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी पिछले पांच साल में 15 हजार किसानों की आत्महत्या के लिए राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।