गणतंत्र दिवसः 10 विशाल 'स्क्राल' कैनवास पर दर्शायी गई गुमनाम नायकों की कहानी, 600 से अधिक कलाकारों ने मिलकर बनाया

By अनिल शर्मा | Published: January 26, 2022 12:02 PM2022-01-26T12:02:10+5:302022-01-26T12:14:59+5:30

इसे रक्षा और संस्कृति मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘कला कुंभ’ के दौरान तैयार किया गया था। इन्हें देशभर के 600 से अधिक कलाकारों ने चंडीगढ़ और भुवनेश्वर में दो चरणों में तैयार किया।

republic day on rajpath heroism of the lost heroes was remembered through paintings made by more than 600 artists | गणतंत्र दिवसः 10 विशाल 'स्क्राल' कैनवास पर दर्शायी गई गुमनाम नायकों की कहानी, 600 से अधिक कलाकारों ने मिलकर बनाया

गणतंत्र दिवसः 10 विशाल 'स्क्राल' कैनवास पर दर्शायी गई गुमनाम नायकों की कहानी, 600 से अधिक कलाकारों ने मिलकर बनाया

Highlightsदेशभर के 600 से अधिक कलाकारों ने चंडीगढ़ और भुवनेश्वर में दो चरणों में तैयार कियाचित्रकारी में गुमनाम नायकों की वीरता और संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया है

नयी दिल्लीः देश के 73वें गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान राजपथ पर 10 विशाल ‘स्क्राल’ कैनवास पर स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों की बहादुरी को चित्रकारी के जरिये प्रदर्शित किया गया है। हर स्क्रॉल की लंबाई 75 मीटर और ऊंचाई 15 फुट है।

इसे रक्षा और संस्कृति मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘कला कुंभ’ के दौरान तैयार किया गया था। इन्हें देशभर के 600 से अधिक कलाकारों ने चंडीगढ़ और भुवनेश्वर में दो चरणों में तैयार किया। इनके जरिए स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों की वीरता को दर्शाया गया है। ये स्क्रॉल स्वदेशी और समकालीन दृश्य कला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। 

भुवनेश्वर में आयोजित कलाकुंभ में उड़ीसा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल, और आंध्र प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को चित्रित किया गया है। चित्रकारी में उनकी वीरता और संघर्ष की कहानी को भी दर्शाया गया है। 

चंडीगढ़ में चित्रित किए  गए स्क्रॉल में लद्दाख, जम्मू, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के गुमनाम नायकों की वीरता को दर्शाया गया है। भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में बनाए इस स्क्रोल्स को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर लगाया गया है। इसका उद्देश्य देश के आम लोग गुमनाम नायकों की वीरता और संघर्ष की कहानियों को जान सकें।

 

Web Title: republic day on rajpath heroism of the lost heroes was remembered through paintings made by more than 600 artists

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