गणतंत्र दिवस समारोह: चौथी बार बिना मुख्य अतिथि के होगा गणतंत्र दिवस समारोह, कई बार तो दो-दो मुख्य अतिथि आए
By अनुराग आनंद | Published: January 7, 2021 10:58 AM2021-01-07T10:58:43+5:302021-01-07T11:12:26+5:30
ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन इस साल भारत में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। बोरिस जॉनसन ने फोन पर पीएम नरेंद्र मोदी से बात की और इसके बाद उनके कार्यालय ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि महामारी के इस समय में कहीं और जाने के बजाय देश में उनकी मौजूदगी अधिक जरूरी है।
नई दिल्ली:भारत में हर साल 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस समारोह काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल भी कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के बीच गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होने जा रहा है। लेकिन, इस साल कार्यक्रम के ठीक कुछ दिनों पहले मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए गए ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने गणतंत्र दिवस समारोह 2021 के दौरान भारत आने से इनकार कर दिया है।
बोरिस जॉनसन ने फोन पर पीएम नरेंद्र मोदी से बात की और इसके बाद उनके कार्यालय ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि महामारी के इस समय में कहीं और जाने के बजाय देश में उनकी मौजूदगी अधिक जरूरी है। ऐसे में वह इस साल भारत में होने वाले भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।
ऐसे में अब यह जानना जरूरी होता है कि क्या आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब भारत में होने वाले इस समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं आ रहे हैं? या फिर इससे पहले भी ऐसे हालात बने हैं? यदि इससे पहले भी ऐसे हालात बने हैं, तो वह किस साल की बात है? आइए सबकुछ जानते हैं-
इससे पहले तीन बार गणतंत्र दिवस समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं आए-
बता दें कि यह पहली बार नहीं हो रहा है, जब देश के इस भव्य गणतंत्र दिवस समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं होंगे। इससे पहले भी तीन ऐसे मौके आए हैं, जब कार्यक्रम काफी धूमधाम से मनाया गया लेकिन कोई मुख्य अतिथि नहीं मौजूद था।
दरअसल, इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ऐसे मौके आए हैं। इन वर्षों में इस कार्यक्रम के लिए किसी को भी मुख्य अतिथि के तौर पर नहीं बुलाया गया था।
54 सालों में ऐसा मौका फिर से आएगा जब मुख्य अतिथि के बिना होगा यह कार्यक्रम-
भारतीय इतिहास में 54 साल के बाद एक बार फिर से ऐसा मौका होगा, जब इस कार्यक्रम में कोई मुख्य अतिथि नहीं होंगे। आपको बता दें कि 1966 के बाद हर साल इस कार्यक्रम में कोई न कोई मेहमान जरूर देश आते रहे हैं। 11 जनवरी 1966 को उस समय के पीएम लाल बहादुर शाश्त्री का निधन हो गया।
इसके बाद गुलजारी लाल नंदा 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक देश के कार्यवाहक पीएम बने। 24 जनवरी 1966 के प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी ने शपथ ली। ऐसे में प्रधानमंत्री पद को लेकर हालात ऐसे बने की 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह में किसी मुख्य अतिथि को बुलाया नहीं जा सका गया था।
कई मौके ऐसे आए जब दो-दो मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह में आए-
26 जनवरी 1950 के बाद से ऐसे कई मौके भी आए जब भारत के इस भव्य समारोह में हिस्सा लेने के लिए एक नहीं दो-दो देशों से मेहमान आए। देश में ऐसे तीन बार मौके आए हैं, जब इस समारोह के दो-दो मुख्य अतिथि थे।
साल 1956, 1968 और 1974 में समारोह के दो-दो मुख्य अतिथि थे। 1974 में यूगोस्लाविया व श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए जबकि 1968 में यूगोस्लाविया व सोवियत यूनियन के राष्ट्राध्यक्ष आए थे।
2018 गणतंत्र दिवस समारोह में दस एशियाई देशों के मेहमान आए-
दो वर्ष पहले की ही बात है, जब भारत के इस भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए 2018 में दस एशियाई देशों के शासनाध्यक्षों को समारोह का मुख्य अतिथि बनाया गया था। दिल्ली के दिल इंडिया गेट पर मेहमानों ने देश के इस भव्य कार्यक्रम में शिरकत किया था।
इस तरह भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह को देखने के लिए देश और दुनिया से लोग आते हैं। लेकिन, इस साल महामारी और किसान आंदोलन की वजह से कार्यक्रम पर असर पड़ने की संभावना है।