प्रसिद्ध पर्यावरणविद और चिपको नेता सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना संक्रमण से निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

By भाषा | Published: May 21, 2021 01:30 PM2021-05-21T13:30:59+5:302021-05-21T16:15:55+5:30

चिपको आंदोलन नेता सुंदरलाल बहुगुणा 94 साल के थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद वे एम्स, ऋषिकेश में भर्ती थे, जहां शुक्रवार को उनका निधन हो गया।

Renowned environmentalist and Chipko leader Sundarlal Bahuguna dies of corona infection | प्रसिद्ध पर्यावरणविद और चिपको नेता सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना संक्रमण से निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

सुंदरलाल बहुगुणा का निधन (फोटो-एएनआई)

Highlightsकोरोना संक्रमित होने के बाद सुंदरलाल बहुगुणा को आठ मई को एम्स, ऋषिकेष में भर्ती कराया गया था ऑक्सीजन का लेवल कम होने की वजह से उनकी स्थिति पिछले कुछ दिनों से गंभीर बनी हुई थी1927 को उत्तराखंड के टिहरी जिले में हुआ था जन्म, जंगल बचाने के लिए की थी चिपको आंदोलन की शुरुआत

देहरादून: प्रसिद्ध पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन नेता सुंदरलाल बहुगुणा का शुक्रवार को एम्स, ऋषिकेश में कोविड-19 से निधन हो गया । वह 94 वर्ष के थे । उनके परिवार में पत्नी विमला, दो पुत्र और एक पुत्री है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है।

एम्स प्रशासन ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद आठ मई को बहुगुणा को एम्स में भर्ती कराया गया था । ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी । चिकित्सकों की पूरी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका ।

सुंदरलाल बहुगुणा को चिपको आंदोलन की शुरुआत करने का जाता है श्रेय

नौ जनवरी, 1927 को टिहरी जिले में जन्मे बहुगुणा को चिपको आंदोलन का प्रणेता माना जाता है । उन्होंने सत्तर के दशक में गौरा देवी तथा कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरुआत की थी ।

पद्मविभूषण तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी बढ़-चढ़ कर विरोध किया और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था । एक बार उन्होंने विरोध स्वरूप अपना सिर भी मुंडवा लिया था ।

टिहरी बांध के निर्माण के आखिरी चरण तक उनका विरोध जारी रहा । उनका अपना घर भी टिहरी बांध के जलाशय में डूब गया । टिहरी राजशाही का भी उन्होंने कडा विरोध किया जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पडा । वह हिमालय में होटलों के बनने और लक्जरी टूरिज्म के भी मुखर विरोधी थे ।

महात्मा गांधी के अनुयायी रहे बहुगुणा ने हिमालय और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई बार पदयात्राएं कीं । वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर विरोधी थे।

पीएम मोदी ने बहुगुणा के निधन पर जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर शोक जताया और इसे देश के लिए ‘‘बहुत बड़ा नुकसान’’ बताया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सुंदरलाल बहुगुणाजी का निधन हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। प्रकृति के साथ तालमेल कर रहने की हमारे सदियों पुराने लोकाचार का उन्होंने प्रकटीकरण किया। उनकी सदाशयता और जज्बे की भावना को कभी भूला नहीं जा सकता। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ है।’’

Web Title: Renowned environmentalist and Chipko leader Sundarlal Bahuguna dies of corona infection

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