लक्ष्मीविलास पैलेस का मामलाः पूर्व विनिवेश मंत्री शौरी की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
By धीरेंद्र जैन | Published: September 24, 2020 07:11 PM2020-09-24T19:11:31+5:302020-09-24T19:11:31+5:30
हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई कोर्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए तीन अन्य आरोपियों को भी राहत प्रदान की थी। इसे बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व विनिवेश मंत्री अरुण शौरी व अन्य के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाते हुए दोनों को अधीनस्थ अदालत में निजी मुख्लके व जमानत पेश करने के निर्देश दिये।
जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने उदयुपर के लक्ष्मीविलास पैलेस विनिवेशन मालमें में तत्कालीन विनिवेश मंत्री अरुण शौरी और संपत्ति के मूल्यांकनकर्ता कांतिलाल विक्रमसे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई कोर्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए तीन अन्य आरोपियों को भी राहत प्रदान की थी। इसे बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व विनिवेश मंत्री अरुण शौरी व अन्य के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाते हुए दोनों को अधीनस्थ अदालत में निजी मुख्लके व जमानत पेश करने के निर्देश दिये।
इस दौरान पूर्व मंत्री शौरी ने भी वीसी के जरिये सुनवाई में उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखा। पूर्व मंत्री का पक्ष रखते हुए उनके वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सीबीआई की प्राथमिकी में याचिकाकर्ता का नाम तक नहीं था और इसके बावजूद भी उनके मुवक्किल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
सीबीआई की ओर से अतिरिक्त साॅलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सीबीआई कोर्ट का आदेश कानून के अनुरूप नहीं है। दोनों पक्षों कीे सुनकर हाईकोर्ट ने शौरी को 15 अक्टूबर तक सीबीआई कोर्ट में निजी मुचलका और दो-दो लाख की दो जमानतें पेश करने का आदेश दिया। वहीं मूल्यांकनकर्ता कांतिलाल विक्रमसे को 8 अक्टूबर को अधीनस्थ अदालत में व्यक्तिगत बंधपत्र व जमानत पेश करने को कहा।
यह है मामला- वर्ष 2002 में उदयपुर के लक्ष्मीविलास पैलेस के विनिवेश में राजकोष को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जाूधपुर स्थित सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने 15 सितंबर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रसंज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था।
गिरफ्तारी की धमकी देकर 5 हजार वसूलने वाले दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
राजस्थान के अलवर जिले में पुलिस की क्यूआरटी टीम के दो जवानों द्वारा हाइवे पर दो युवकों से पूछताछ के नाम पर गिरफ्तारी की धमकी देकर जबरन 5 हजार रुपये वसूलने का मामला सामने आया है। हद तो तब हो गई जब इन युवकोें के पर केश नहीं मिलने पर इन दोनों पुलिसकर्मियों ने आनलाइन पैसे ट्रांसफर करा लिया।
मामले की तफ्तीश में रिश्वत लिये जाने की पुष्टि होने के बाद भिवाडी एसपी ने दोनों जवानों को तुरंत सस्पेड कर दिया गया। जानकारी के अनुसार मूलतः जयपुर के और फिलहाल हरियाणा के नारनौल में रह रहे दो युवकों हिमांशु और विजेन्द्र यादव भिवाडी औद्योगिक एरिया में नीमराना फ्लाई ओवर के पास अपनी बोलेरों में बैठे थे।
इसी दौरान पुलिस की गश्ती क्यूआरटी टीम वहां पहुंची और दोनों को पूछताछ के नाम पर धमकाया। इसके बाद दोनों के मोबाइल चैक किये और इसमें पिस्टल के साथ उनकी फोटो देखने के बाद उन्हें गिरफ्तारी की धमकी देकर रिश्वत मांगी। युवकों ने कैश नहीं होने की बात कहने पर उन्होंने 5 हजार रुपये आॅनलाइन खाते में डलवाने के बाद उन्हें छोड़ा। दोनों पीडितों के परिजनों ने मामले की शिकायत आला अधिकारियों से की। इसकी सूचना दोनो रिश्वतखोर सिपाहियों को लगी तो उन्होंने रिश्वत के 5 हजार रुपये की राशि तुरंत पीड़ितों को लौटा दी।