न्यायालय का नीट की परीक्षा में हस्तक्षेप से इंकार

By भाषा | Published: June 15, 2019 05:21 AM2019-06-15T05:21:18+5:302019-06-15T05:21:18+5:30

उच्चतम न्यायालय ने नीट (यूजी)-2019 की परीक्षा के कुछ प्रश्नों की उत्तर कुंजी निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को यह कहते हुये इंकार कर दिया

Refusal to intervene in court's fair exam | न्यायालय का नीट की परीक्षा में हस्तक्षेप से इंकार

न्यायालय का नीट की परीक्षा में हस्तक्षेप से इंकार

उच्चतम न्यायालय ने नीट (यूजी)-2019 की परीक्षा के कुछ प्रश्नों की उत्तर कुंजी निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को यह कहते हुये इंकार कर दिया कि विशेषज्ञ संस्था ने पहले ही इस पर विचार करके संशोधित उत्तर जारी कर दिये हैं।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अवकाश पीठ ने याचिका पर विचार से इंकार करते हुये याचिकाकर्ता हैदराबाद के चार छात्रों को राहत के लिये उच्च न्यायालय जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। इन छात्रों ने ही उत्तर कुंजी को चुनौती दी थी। पीठ ने कहा कि न्यायालय हर विषय में पारंगत नहीं है और अब समय आ गया है जब इस क्षेत्र में हस्तक्षेप रोका जाना चाहिए। पीठ ने मेडिकल के इन छात्रों को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति देने के साथ ही उन्हें उच्च न्यायालय जाने की छूट दे दी।

इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही छात्रों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पांच मई को इस परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी ने गलत उत्तर कुंजी दी थी। उन्होंने कहा कि चार चार अंकों के पांच प्रश्नों के उत्तर नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी द्वारा जारी उत्तर कुंजी से भिन्न थे। पीठ ने कहा कि सारे प्रश्नों के कई उत्तरों के विकल्पों की जांच यह न्यायालय नहीं कर सकता है। हम विशेषज्ञ नहीं है। पीठ ने कहा कि उत्तर कुंजी के साथ हस्तक्षेप करने का मतलब होगा कि शीर्ष अदालत नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी के ऊपर एक अपीली संस्था बन गयी है।

दिल्ली उच्च न्यायालय में इसी तरह की याचिका दायर करने वाले कोलकाता के छात्रों के समूह के वकील ने कहा कि उनकी याचिका 17 जून के लिये सूचीबद्ध है। उन्होंने कहा कि एनटीए के प्रारंभिक सूचना पत्र में कहा गया था कि नीट परीक्षा में प्रश्नों के एक ही जवाब होंगे लेकिन बाद में पता चला कि एक सवाल के एक से अधिक जवाब थे। इस पर पीठ ने सिंघवी से कहा कि बेहतर होगा यदि वे अपनी समस्याओं के निदान के लिये उच्च न्यायालय जायें। भाषा अनूप अनूप उमा उमा

Web Title: Refusal to intervene in court's fair exam

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