70 लाख रुपये का एक सांप! रेड सैंड बोआ के गैरकानूनी तरीके से व्यापार के मामले में 7 गिरफ्तार
By विनीत कुमार | Published: January 10, 2021 10:02 AM2021-01-10T10:02:43+5:302021-01-10T10:09:34+5:30
रेड सैंड बोआ एक दुर्लभ प्रकार का सांप है। इसका इस्तेमाल फैशन इंडस्ट्री से लेकर दवा बनाने के काम में भी होता है। इसलिए गैरकानूनी तरीके से इसके व्यापार के भी कई मामले आते रहते हैं।
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में वन विभाग ने सेंट्रल वाइल्डलाइन क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन में रेड सैंड बोआ सांप का गैरकानूनी तरीके से व्यापार करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके साथ ही सैंड बोआ को भी बचा लिया गया है।
डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट अफसर (डीएफओ) सनमुख कुमार ने बताया, 'वेंकटागिरी के फॉरेस्ट रेंज अफसर बी राजेंद्र और चेन्नई के वाइल्डलाइफ क्राइम ब्यूरो के सर्कल इंस्पेक्टर एसके रंगेस्वरन के नेत़ृत्व में शुक्रवार को जिले में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया। इस प्रक्रिया में टीम ने सात लोगों को नईदुपेटा में चेन्नई-कोलकाता नेशनल हाईवे पर रेड सैंड बोआ का व्यापार करते रंगे हाथ पकड़ा।'
इस एक रेड सैंड बोआ की कीमत 70 लाख रुपये है और इसे तमिलनाडु भेजने की कोशिश की जा रही थी। सैंड बोआ सांप का इस्तेमाल दरअसल फैशन इंडस्ट्री सहित दवाओं को बनाने और काले जादू में भी बड़ी मात्रा में किया जाता है।
सनमुख कुमार ने बताया, 'आरोपियों की गिरफ्तारी के अलावा सांप को भी बचा लिया गया। आरोपियों के पास से दो लैपटॉप, दो कार और 8 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। हम इस घटना की और गहराई से तहकीकात कर रहे हैं।'
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान डी आशोक रेड्डी (22), बी रवींद्र रेड्डी (24), वी वाम्सी शेखर (23), आर जीवन कुमार (22), जी गोवर्धन रेड्डी (24), एन मुनिकृष्णमचारी (38) औक के भास्कर (28) के तौर पर हुई है।
इससे पहले पिछले साल अगस्त में उत्तर प्रदेश के बहराइच में यूपी पुलिस ने चार तस्कर को गिरफ्तार किया था। इनके पास से भी एक रेड सेंड बोआ बरामद किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई बार इस सांप की कीमत करोड़ों रुपए तक होती है।