'रिकॉर्ड' 90 दिनों में भारतीय वेंटिलेटर बनाने के पीछे की कहानी बताने वाली किताब

By भाषा | Published: March 7, 2021 05:30 PM2021-03-07T17:30:40+5:302021-03-07T17:30:40+5:30

'Record' book telling the story behind making Indian ventilator in 90 days | 'रिकॉर्ड' 90 दिनों में भारतीय वेंटिलेटर बनाने के पीछे की कहानी बताने वाली किताब

'रिकॉर्ड' 90 दिनों में भारतीय वेंटिलेटर बनाने के पीछे की कहानी बताने वाली किताब

नयी दिल्ली, सात मार्च रविवार को सामने आई एक नई पुस्तक में बताया गया है कि कैसे 20 भारतीय मेधावियों ने मिलकर महामारी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच 'रिकॉर्ड' 90 दिनों में एक विश्व स्तरीय आईसीयू वेंटिलेटर बना दिया।

‘‘द वेंटिलेटर प्रोजेक्ट: हाउ द आईआईटी कानपुर कंसोर्टियम बिल्ट ए वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट ड्यूरिंग इंडियाज कोविड-19 लॉकडाउन’’ नामक पुस्तक का लेखन श्रीकांत शास्त्री और अमिताभ बंद्योपाध्याय ने किया है। पैन मैकमिलन इंडिया ने इस किताब को प्रकाशित किया है। यह कोविड-युग में सभी बाधाओं के खिलाफ "नवाचार, आशा, कौशल और सफलता" की कहानी है।

भारत में पिछले साल 24 मार्च को अत्यधिक संक्रामक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगा दिया गया था। लेकिन तेजी से बढ़ रहे मामलों के साथ ही अस्पताल जीवन रक्षक उपकरणों और कर्मियों की कमी से जूझ रहे थे।

इस चुनौती को स्वीकार करते हुए, 29 मार्च को बंद्योपाध्याय और शास्त्री ने एक युवा स्टार्टअप, 'नोका रोबोटिक्स' की सहायता के लिए 'आईआईटी कानपुर वेंटिलेटर कंसोर्टियम' नामक एक कार्य बल गठित किया, जिसने न केवल "किफायती" बल्कि अस्पतालों के लिए "विश्व स्तरीय वेंटिलेटर" का निर्माण किया।

अभूतपूर्व बाधाओं के खिलाफ अथक प्रयास करने के बाद टीम जून में उच्च-गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर नोकार्क वी310 को बनाने में सफल रही।

पुस्तक में लिखा गया है, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस सच्ची कहानी से पता चलता है कि सीमित समय, संसाधनों और बुनियादी ढांचे में सफलता कैसे मिल सकती हैं, कैसे लोगों को नवाचार और बदलाव के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है। यह निरंतर और त्वरित बदलाव के साथ नए भविष्य से जुड़ी एक प्रासंगिक और काम करने के नए तरीके की कहानी है।’’

कुल 25 अध्यायों वाली इस पुस्तक को दो खंडों: 'द नाइंटी डे सागा' और 'बिग होप्स फॉर फ्यूचर' में विभाजित किया गया है।

इसकी प्रस्तावना आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने लिखी है।

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Web Title: 'Record' book telling the story behind making Indian ventilator in 90 days

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