दास ने उम्मीद जताई है कि ब्याज दर में कटौती का फायदा बैंक ग्राहकों तक अधिक तेजी से पहुंचाएंगे
By भाषा | Published: July 8, 2019 07:58 PM2019-07-08T19:58:56+5:302019-07-08T19:58:56+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि ब्याज दर में कटौती का फायदा बैंक ग्राहकों तक अधिक तेजी से पहुंचाएंगे जिससे कि उन्हें मकान, वाहन और व्यक्तिगत ऋण कम ब्याज दर पर उपलब्ध हो सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक इस साल एक के बाद एक लगातार तीन बार में नीतिगत दर यानी रेपो दर में कुल मिलाकर 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को जिस दर पर फौरी जरूरत के लिये नकदी उपलबध कराई जाती है उसे रेपो दर कहते हैं।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के साथ बजट पश्चात परंपरागत बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में मैंने कहा था कि नीतिगत दरों में हुई आधा प्रतिशत कटौती में से 0.21 प्रतिशत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा है।
RBI Guv on centre to raise part of market borrowing in external market:Govt has made a budget announcement&we'll interact with them. As debt manager of govt of India I'm sure govt will have internal discussion with RBI&whatever we need to discuss with govt will be done internally pic.twitter.com/hv8S5DwgL7
— ANI (@ANI) July 8, 2019
उन्होंने कहा कि आगामी हफ्तों और महीनों में ब्याज दर में कटौती का लाभ अधिक तेजी से ग्राहकों तक पहुंचेगा।’’ दास ने कहा कि पहले दर कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलने में छह महीने लगते थे, लेकिन अब चीजों में सुधार हुआ है। अब इसमें कम समय यानी दो-तीन महीने ही लग रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद हमने रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती की है। इस तरह अब तक 0.75 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है। हम इसके आंकड़े जुटा रहे हैं। आपको यह ध्यान में रखना होगा कि जून महीने में एक जून से प्रणाली में पर्याप्त रूप से अतिरिक्त नकदी उपलब्ध है।’’
उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त नकदी उपलब्ध है। यदि किसी बैंक के साथ नकदी की समस्या है तो केंद्रीय बैंक उसे इस मामले में समर्थन उपलब्ध कराएगा। सरकार गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को राहत के लिए कई उपाय कर रही है।
RBI Governor Shaktikanta Das to ANI on impact of prices of petrol and diesel on inflation: There is a meeting of Monetary Policy Committee in 1st week of August. Our internal team will assess it. It's not as if it will get reflected in inflation the next day. There is a time lag. pic.twitter.com/5MkF7n1vqt
— ANI (@ANI) July 8, 2019
बजट में घोषणा की गई है कि एनबीएफसी पैकेज के क्रियान्वयन को बैंकों को 10 प्रतिशत की गारंटी मिलेगी। इस क्षेत्र के संकट को दूर करने के लिए सरकार ने बजट में प्रस्ताव किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी की उच्च रेटिंग वाली संपत्तियों की खरीद करेंगे।
चालू वित्त वर्ष में कुल मिलाकर ऐसी एक लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदी जाएंगी। दास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम एनबीएफसी और उनके परिचालन की नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं। नकदी की समस्या का बढ़चढ़ कर समाधान किया गया है।’’
ईंधन कीमतों में वृद्धि का महंगाई दर पर असर के बारे में पूछे जाने पर गवर्नर ने कहा कि इसका असर दिखने में अभी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की अगस्त में बैठक होगी जिसमें स्थिति का आकलन किया जाएगा। ‘‘मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि हो सकती है।
लेकिन यह एक दिन बाद ही नहीं हो जाएगा। इसमें समय लगेगा।’’ बजट में ईंधन पर करों में बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल कीमत में कम से कम 2.4 रुपये लीटर की वृद्धि हुई है। वहीं डीजल भी कम से कम 2.36 रुपये लीटर महंगा हुआ है।
गवर्नर ने कहा कि बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला काफी सकारात्मक घटनाक्रम है। इससे उन्हें नियामकीय पूंजी की जरूरतों को तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही वे बैंकिंग कामकाज को भी बढ़ा सकेंगे।