PMC घोटालाः RBI ने बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा बढ़ाकर 50000 रुपये की
By रामदीप मिश्रा | Published: November 5, 2019 05:29 PM2019-11-05T17:29:38+5:302019-11-05T17:30:32+5:30
PMC घोटालाः आरबीआई ने निकासी की सीमा छह महीने के लिए केवल 1000 रुपए तय की थी , जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये और फिर बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया गया था। अब बैंक ने इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 4,355 करोड़ रुपये का कथित घोटाला सामने आने के बाद से पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर नकद निकासी समेत कई पाबंदियां लगाई थीं, जिस पर अब वह नरम पड़ रहा है। दरअसल, मंगलवार को आरबीआई ने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर है।
सबसे पहले आरबीआई ने निकासी की सीमा छह महीने के लिए केवल 1000 रुपए तय की थी , जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये और फिर बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया गया था। अब बैंक ने इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है।
Reserve Bank of India enhances withdrawal limit for depositors of Punjab and Maharashtra Cooperative (PMC) Bank Limited to Rs 50,000. pic.twitter.com/koiedECXQX
— ANI (@ANI) November 5, 2019
बता दें कि बीते दिन बंबई हाईकोर्ट ने आरबीआई से यह जानने की कोशिश कि थी उसने घोटाले की मार झेल रहे पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति आरआई छागला की खंडपीठ बैंक के जमाकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में आरबीआई की निकासी सीमा को चुनौती दी गई थी।
पीठ ने कहा था कि वह सिर्फ यह जानना चाहती है कि आरबीआई ने इस मामले में क्या किया है। आरबीआई को इस बैंक के सभी कामों की जानकारी है। आरबीआई बैंकों का बैंक है और इस तरह के मुद्दों के लिए विशेषज्ञ निकाय है। हम आरबीआई के काम में बाधा नहीं डालना चाहते और न ही उसके अधिकारों को कम करना चाहते हैं।
न्यायालय ने कहा था कि इस तरह के वित्तीय मामलों में आरबीआई ही न्यायाधीश होगा, न कि अदालत। अदालत ने आरबीआई को हफलनामा जमा करने का निर्देश दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 नवंबर की तारीख तय की। न्यायालय ने इस मामले में किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से इनकार किया।