'भारत को तोड़ने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग इस कानून के पीछे', किसान आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का तीखा आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: December 13, 2020 08:21 PM2020-12-13T20:21:40+5:302020-12-13T20:25:17+5:30
बिहार भाजपा की ओर से आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ कानूनों का विरोध करने के लिए कर रहे हैं.
पटना: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा है कि आज अगर किसानों के आंदोलन की आड़ में भारत को आड़े वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग पीछे होकर आंदोलन के कंधे से गोली चलाएंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यहां उल्लेखानीय है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर पिछले 18 दिनों से हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार के साथ गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
इस पर केन्द्रीय कानून मंत्री ने कहा कि हम कोई समझौता नहीं करेंगे. बख्तियारपुर में कृषि कानून के पक्ष में बिहार भाजपा की ओर से आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ कानूनों का विरोध करने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने स्वयं पहले इन सुधारों की आवश्यकता को पहचाना. हम लोगों को जागरूक करेंगे कि किसानों के लिए कृषि कानून कैसे फायदेमंद होंगे. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को पूरी आजादी मिलनी चाहिए कि उनकी फसल हिंदुस्तान में कहीं भी जा सकती है, कोई रोकेगा नहीं. आपकी फसल पर अलग से मंडी का टैक्स नहीं लगेगा. इस साल भारत सरकार ने एमएसपी के अंतर्गत 60 हजार करोड का धान खरीदा है, जिसमें से 60 प्रतिशत पंजाब से खरीदा गया. बता दें कि कृषि कानून के पक्ष में बिहार भाजपा की ओर से आज से किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. 13 से 25 दिसम्बर के बीच होने वाले इस सम्मेलन में पार्टी नेता, विधायक, मंत्री व पार्टी के पदाधिकारी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि आज अगर किसानों के आंदोलन की आड़ में भारत को तोड़ने वाले टुकड़े-टुकड़े लोग पीछे होकर आंदोलन के कंधे से गोली चलाएंगे तो उनके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसपर हम कोई समझौता नहीं करेंगे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों को पूरी आजादी मिलनी चाहिए कि उनकी फसल हिंदुस्तान में कहीं भी जा सकती है, कोई रोकेगा नहीं. आपकी फसल पर अलग से मंडी का टैक्स नहीं लगेगा. इस साल भारत सरकार ने एमएसपी के अंतर्गत 60 हजार करोड़ का धान खरीदा है, जिसमें से 60 प्रतिशत पंजाब से खरीदा गया. किसान नेताओं ने अपनी मांगें दोहराते हुए सरकार से वार्ता के लिए तैयार हो गये हैं. लेकिन उन्होंने इसके लिए पहले तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहरा दी है. किसानों ने कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को और तेज करने का भी ऐलान किया. किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने बताया कि किसान संगठनों के नेता नये कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे.
इस बीच बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने आज कहा कि नए कृषि कानून के नाम पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसे देखते हुए तीनों कृषि कानून के समर्थन में हर जिले में किसान सम्मेलन किया जाएगा. वहीं, सभी विधानसभा क्षेत्र में किसान पंचायत का आयोजन भी होगा. सम्मेलनों में जनता को बताया जाएगा कि किसान बिल उनके पक्ष में है न कि इससे उनका नुकसान होने वाला है. विरोध करने वाले महज राजनीतिक लाभ के लिए आंदोलन को हवा दे रहे हैं. कृषि बिल से केवल बिचौलिए को नुकसान हो रहा है. इस बिल से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक मिलेगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार चाहती है कि बिहार में भी कांट्रैक्ट फॉर्मिंग हो. पंजाब में जब यह हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं? इस कानून पर दुष्प्रचार किया जा रहा है. सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों को आगाह किया है कि वे अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने दें क्योंकि कुछ ‘असामाजिक' और ‘वामपंथी तथा माओवादी' तत्व आंदोलन के माहौल को बिगाडने की साजिश रच रहे हैं.