हिमाचल प्रदेश के इस व्यक्ति ने 'जल्लाद' बनने के लिए राष्ट्रपति से लगाई गुहार, जल्द हो निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी
By स्वाति सिंह | Published: December 4, 2019 05:37 PM2019-12-04T17:37:27+5:302019-12-04T17:37:27+5:30
गृह मंत्रालय को 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिशें मिली है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दया याचिका खारिज करने की फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने गृह मंत्रालय को भेजी है।
दिल्ली में हुए 'निर्भया' गैंग रेप एवं हत्या के एक दोषी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की है। इसी बीच हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से रवि कुमार ने राष्ट्रपति कोविंद को दिल्ली की तिहाड़ जेल में अस्थायी जल्लाद के रूप में नियुक्त करने के लिए निवेदन किया है। उन्होंने पत्र लिखा है 'मुझे दिल्ली के तिहाड़ जेल में जल्लाद नियुक्त करें जिससे में निर्भया कांड के दोषियों को जल्द ही फांसी दी जा सके और उसकी आत्मा को शांति मिले'।
बता दें कि गृह मंत्रालय को 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिशें मिली है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दया याचिका खारिज करने की फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने गृह मंत्रालय को भेजी है।
गृह मंत्रालय इस फाइल पर गौर करेगा और इसपर विचार तथा अंतिम फैसले के लिए इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा। युवती से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के गुनाह के लिए फांसी की सजा का सामना कर रहे दोषियों में एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की थी । निर्भया से 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। बुरी तरह जख्मी युवती की बाद में मौत हो गयी थी।
बलात्कार की इस बर्बर घटना के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था और हर जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे। दिल्ली सरकार ने दया याचिका ऐसे वक्त खारिज की है, जब हैदराबाद में पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले के कारण समूचे देश में रोष है।
Himachal Pradesh: Ravi Kumar, from Shimla has written to President Kovind to appoint him as temporary executioner in Delhi’s Tihar Jail as there is no executioner there.He states, “Appoint me executioner so ‘Nirbhaya’ case convicts can be hanged soon & her soul rests in peace". pic.twitter.com/fqZLarNZIQ
— ANI (@ANI) December 4, 2019
दया याचिका दायर करने वाला शख्स 16-17 दिसंबर 2012 की दरमियानी रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या करने का दोषी है। इस अपराध को एक नाबालिग सहित छह लोगों ने अंजाम दिया था और पीड़िता को सड़क के किनारे फेंक दिया था।
उल्लेखनीय है कि जेल अधीक्षक ने 29 अक्टूबर को चार दोषियों को नोटिस जारी कर कहा था कि इस नोटिस की पावती मिलने के बाद केवल सात दिन दया याचिका दायर करने के लिए हैं। अगर दया याचिका दायर नहीं की जाती है तो जेल प्रशासन 'डेथ वारंट' (मृत्यु अधिपत्र) जारी कराने के लिए अदालत से संपर्क कर सकता है।
निर्भया की मौत 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर स्थित माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। मामले में एक आरोपी राम सिंह ने जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था और हत्या एवं दुष्कर्म के मामले में अधिकतम तीन साल तक सुधारगृह में रहने की सजा काट चुका है।
तीन दोषी इस समय तिहाड़ जेल में कैद हैं, जबकि एक दोषी मंडोली जेल में है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को तीन दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की 2017 में सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही दिल्ली और निचली अदालत की ओर से मिली सजा को बरकरार रखा था। मामले में दोषी चौथे आरोपी अक्षय कुमार सिंह ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की थी।