यूपी की बोर्ड परीक्षा में नकल कराने वालों पर लगेगा रासुका! एग्जाम सेंटरों पर नजर रखने के लिए पहली बार तैयार किया जाएगा कंट्रोल रूम
By राजेंद्र कुमार | Published: January 21, 2023 06:51 PM2023-01-21T18:51:38+5:302023-01-21T18:59:34+5:30
गौरतलब है कि अगले महीने 16 फरवरी से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में नकल विहीन परीक्षा कराने को लेकर राज्य में की गई तैयारियों को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नकल कराने वालों के खिलाफ रासुका लगाने का भी निर्देश दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) द्वारा संचालित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में संगठित रूप से नकल कराने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा नकल को रोकने के लिए पहली बार परीक्षा की कॉपियों में बारकोड लगाएगा और सामूहिक नकल की जानकारी मिलने पर फौरन परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही परीक्षा केंद्र को भी डिबार कर दिया जाएगा। यही नहीं परीक्षा में प्रश्न पत्र को रखने के लिए प्रिंसिपल के रूम से अलग एक कमरा तैयार किया जाएगा।
नकल कराने वालों पर लगेगा रासुका
राज्य में नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए योगी सरकार यह इंतजाम कर रही है। इस साल यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं, 12वीं की परीक्षाओं के लिए कुल 58,67,329 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बीते साल वर्ष 2022 की तुलना में इस साल 6.74 लाख अधिक छात्र यूपी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होंगे। कुल पंजीकृत छात्रों में से 31,16,458 कक्षा 10वीं के और 27,50,871 कक्षा 12 के हैं।
आपको बता दें कि अगले महीने 16 फरवरी से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। नकल विहीन परीक्षा कराने को लेकर राज्य में की गई तैयारियों को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नकल कराने वालों के खिलाफ रासुका लगाने का निर्देश दिया है।
नकल करते पकड़े गए छात्रों पर भी होगी कार्रवाई
इस पर बोलते हुए विजय किरण आनंद ने यह भी कहा है कि केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की लिस्ट भी जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए। महानिदेशक की तरफ से यह स्पष्ट निर्देश भी दिया गया है कि परीक्षा के दौरान अगर कोई भी छात्र नकल संबंधी गतिविधि में पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।
एग्जाम सेंटरों पर नजर रखने के लिए तैयार होगा कंट्रोल रूम
नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पहली बार एग्जाम सेंटरों पर नजर रखने की खातिर बनाए लखनऊ में एक कंट्रोल रूम भी तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है। इस कंट्रोल रूम का का ट्रायल किसी भी दिन किया जा सकता है। प्रदेश के सभी जिलों का कंट्रोल रूम लखनऊ के कंट्रोल रूम के साथ जुड़ा रहेगा।
ऐसे में बोर्ड की परीक्षाओं में नकल कराने वाले के खिलाफ पहली बार रासुका के तहत कार्यवाही करने का फैसला किया गया है। अभी तक रासुका के प्रावधान के तहत अगर किसी भी व्यक्ति से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने का कोई खतरा नजर आता है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है।
यदि सरकार को ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
रासुका के तहत ऐसे होगी कार्रवाई
आपको बता दें कि रासुका के तहत किसी संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है। और इसकी अवधि बढ़ाकर 12 माह तक की जा सकती है। अब इस कानून का उपयोग नकल कराने वाले लोगों के खिलाफ राज्य में किया जाएगा।
गौरतलब है कि कल्याण सरकार के समय में शिक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल पर नकल रोकने के लिए नकल विरोधी अध्यादेश सरकार लायी थी, जिसके तहत तब नकल करने और कराने वाले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गई थी। अब योगी सरकार ने नकल को रोकने के लिए सख्ती करनी शुरू की है, ताकि पढ़ने वाले छात्रों की मेहनत पर कोई पानी ना फेर सके।