चिट्ठी विवाद में आया नया ट्विस्ट! पूर्व सैनिकों ने कहा- नहीं लिखा राष्ट्रपति को कोई पत्र, कुछ ने जताई सहमति
By विनीत कुमार | Published: April 12, 2019 12:36 PM2019-04-12T12:36:00+5:302019-04-12T14:47:30+5:30
रिपोर्ट्स के अनुसार इस चिट्ठी में योगी आदित्यनाथ के उस बयान का भी जिक्र है जब उन्होंने एक चुनावी भाषण के दौरान उन्होंने सेना को 'मोदीजी की सेना' कह दिया था।
राष्ट्रपति भवन ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें पूर्व सैनिकों की ओर से कोई चिट्ठी मिली है। यह चिट्ठी मीडिया में काफी चर्चा में है जिसके मुताबिक सेना के 150 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर सेना के राजनीतिकरण पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने ऐसी कोई भी चिट्ठी मिलने से इनकार किया है।
दूसरी ओर चिट्ठी को लेकर पूर्व सैनिकों के भी अलग-अलग बयान सामने आये हैं। कई पूर्व सैनिकों ने कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी भी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किया है जबकि कुछ ने माना है कि उन्होंने यह चिट्ठी लिखी है।
बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक 156 पूर्व सैनिकों ने लोकसभा चुनाव-2019 के पहले चरण के मतदान के दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी थी। राष्ट्रपति के नाम इस चिट्ठी पर सेना के तीन पूर्व प्रमुखों जनरल (रिटायर्ड) एसएफ रॉड्रिग्ज, जनरल (रिटायर्ड) शंकर रॉय चौधरी और जनरल (रिटायर्ड) दीपक कपूर, चार पूर्व नेवी चीफ और पूर्व एयर फोर्स चीफ एनसी सूरी के भी हस्ताक्षर हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी और जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी ऐसी कोई चिट्ठी लिखे जाने से इनकार किया है। बता दें कि इस चिट्ठी में रॉड्रिग्ज का ही सबसे पहले हस्ताक्षर है। एनसी सूरी ने कह, 'ऐसी किसी चिट्ठी में मेरी कोई इजाजत नहीं ली गई। हम चुनी हुई सरकार के साथ हैं। चिट्ठी में जो भी लिखा हुआ है, उससे हम सहमत नहीं हैं।'
Air Chief Marshal NC Suri to ANI: To put an end to it,I wrote that armed forces are apolitical&support the politically elected govt. And no, my consent has not been taken for any such letter. I don’t agree with whatever has been written in that letter. We have been misquoted. 2/2 https://t.co/pAU6L6CZ54
— ANI (@ANI) April 12, 2019
वहीं, मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने माना है कि चिट्ठी पर हस्ताक्षर से पहले उनकी सहमति ली गई थी। कक्कड़ ने कहा, 'हां मैंने इस चिट्ठी में लिखी बातों को जानने के बाद इस पर सहमति दी है।'
Major General Harsha Kakkar (who is 31st on the list of armed forces veterans who purportedly wrote letter to President): Yes, I had given my consent for being a signatory to the letter. I had given my consent only after knowing the contents of it. (file pic) pic.twitter.com/o8rqGfqyAp
— ANI (@ANI) April 12, 2019
कांग्रेस ने इस चिट्ठी को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मौजूद सरकार को घेरने की कोशिश की थी। बता दें कि चिट्ठी में लिखा गया है, 'आप भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर हैं, इसलिए हम आपके संज्ञान में यह बात लाना चाहते हैं कि हमारे सेना में कार्यरत और रिटायर्ड अधिकारियों में कुछ बातों को लेकर चिंता है।'
Modi may try to use soldiers for votes, but it's clear that soldiers stand with India and not the BJP.
— Congress (@INCIndia) April 12, 2019
156 Veterans of the Indian Armed Forces including 8 former Chiefs of Staff write to the President of India urging him to act against Modi for trying to use soldiers for votes. https://t.co/NHUVDH2BeY
इस चिट्ठी में योगी आदित्यनाथ के उस बयान का भी जिक्र है जब उन्होंने एक चुनावी भाषण के दौरान उन्होंने सेना को 'मोदीजी की सेना' कह दिया था। इसके बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस तरह सेना का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होना चाहिए।