राम मंदिर भूमि पूजनः महंत नृत्यगोपाल दास बोले- मंदिर निर्माण भारत, विश्व और लोक कल्याण का निर्माण
By भाषा | Published: August 5, 2020 03:08 PM2020-08-05T15:08:40+5:302020-08-05T15:08:40+5:30
प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख दी है, उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है, हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राममंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है।
अयोध्याः श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण के कार्य शुभारंभ को 'सुहावना समय' बताते हुए बुधवार को कहा कि मंदिर निर्माण भारत, विश्व और लोक कल्याण का निर्माण है।
राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ हो गया है। ''मंदिर का निर्माण भारत का निर्माण है, विश्व का निर्माण है, लोक कल्याण का निर्माण है।'' उन्होंने कहा, ''हिन्दू जनता की भावना, उनकी इच्छा, उनका मनोरथ यही है कि जल्द से जल्द भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हो और हम अपनी आंखों से मंदिर का निर्माण देख लें।''
उन्होंने कहा, ''बडे़ हर्ष का विषय है... राम जन्मभूमि से जुडे़ होने के नाते बहुत दिनों से हमसे (लोग) पूछते रहे, ... मंदिर कब बनेगा। बार बार हमारे सामने यही प्रश्न आता रहा। तब हमने कहना शुरू कह दिया एक ओर मोदी और एक ओर योगी, अब नहीं बनेगा तो कब बनेगा।''
महंत ने कहा कि ये बड़ा सुहावना समय आ गया है। करोड़ों-करोड़ हिन्दू रामभक्तों की अभिलाषा, मनोरथ और इच्छा यही है कि जहां राम लला विराजमान हैं, वहां दिव्य एवं भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए, इसीलिए तन, मन, धन अर्पण करने के लिए सभी तैयार हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डा. मोहन राव भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमाम साधु संत, विद्वान, महंत और गणमान्य लोग शामिल हुए।
I have been asked many times when will #RamTemple be constructed. Now, it will be constructed soon. The wishes of devotees will be fulfilled: President of Ram Mandir Trust Nitya Gopal Das at #Ayodhyapic.twitter.com/SyiWYcNu9L
— ANI (@ANI) August 5, 2020
30वें साल के प्रारंभ में हमें संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागत ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद बुधवार को कहा कि यह आनंद का क्षण है क्योंकि जो संकल्प लिया गया था, वह आज पूरा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘एक संकल्प लिया था और मुझे स्मरण है तब कि हमारे सरसंघचालक बाला साहब देवरस जी ने हमको कदम आगे बढ़ाने से पहले यह बात याद दिलाई थी कि बीस-तीस साल लगकर काम करना पड़ेगा और 30वें साल के प्रारंभ में हमको संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है।’’
अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ''अनेक लोगों ने बलिदान दिया है और वे सूक्ष्म रूप में यहां उपस्थित हैं, क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सकते हैं। ऐसे भी लोग हैं जो यहां आ नहीं सकते। रथयात्रा का नेतृत्व करने वाले आडवाणी जी अपने घर में बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। कितने ही लोग हैं जो आ भी सकते हैं लेकिन बुलाए नहीं जा सकते, परिस्थति ऐसी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश में देख रहा हूं कि आनंद की लहर है, सदियों की आस पूरी होने का आनंद है।
लेकिन सबसे बड़ा आनंद है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी और जिस आत्म-भान की आवश्यकता थी, उसका साकार अधिष्ठान बनने का शुभारंभ आज हो रहा है।'' भागवत ने कहा, ''यह अधिष्ठान है आध्यात्मिक दृष्टि का। सारे जगत में अपने को और अपने में सारे जगत को देखने की भारत की दृष्टि का।''
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आज अशोक सिंहल यहां रहते तो कितना अच्छा होता, महंत परमहंस रामदास जी अगर आज होते तो कितना अच्छा होता। लेकिन जो इच्छा उसकी (ईश्वर) है, वैसा होता है। लेकिन मेरा विश्वास है कि जो है, वह मन से है और जो नहीं हैं, वे सूक्ष्म रूप से आज यहां हैं।’’