रमेश पोखरियाल का बड़ा ऐलान, लॉकडाउन में जो छात्र जहां फंसा अब वहीं दे सकेगा परीक्षा
By एसके गुप्ता | Published: May 27, 2020 07:58 PM2020-05-27T19:58:50+5:302020-05-27T20:06:10+5:30
रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सीबीएसई शेष 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा उन्हीं जिलों मे करवाने का प्रयास कर रही है। जहां छात्र मौजूद हैं। छात्रों को परीक्षा देने के लिये बोर्ड द्वारा पूर्व में निर्धारित किए गये परीक्षा केंद्र आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस बारे में छात्रों को अनुरोध पंजीकृत कराने के लिये सीबीएसई रूपरेखा की घोषणा करेगा।
नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण परीक्षा केंद्र से दूर बैठे छात्र और उनके अभिभावकों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जो छात्र जहां है, वह वहीं पास के स्कूल से संपर्क करेगा और अपनी शेष परीक्षाओं की जानकारी स्कूल प्रशासन को देते हुए यह प्रार्थना करेगा कि उसे यहां से परीक्षा देने की अनुमति दी जाए। उसके आवेदन को स्कूल प्रशासन सीबीएसई को भेजेगा और जून माह के प्रथम सप्ताह में स्कूलों के पास छात्रों की लिस्ट केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से नए दिशा-निर्देशों के साथ भेजी जाएगी। बारहवीं की बोर्ड परीक्षा पूरे देश में होगी जबकि 10वीं कक्षा की लंबित परीक्षा केवल उत्तर पूर्व दिल्ली में होगी।
रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सीबीएसई शेष 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा उन्हीं जिलों मे करवाने का प्रयास कर रही है। जहां छात्र मौजूद हैं। छात्रों को परीक्षा देने के लिये बोर्ड द्वारा पूर्व में निर्धारित किए गये परीक्षा केंद्र आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस बारे में छात्रों को अनुरोध पंजीकृत कराने के लिये सीबीएसई रूपरेखा की घोषणा करेगा। उन्होंने कहा कि छात्र स्कूल को इस बारे में सूचना दे कि वह किस जनपद में है और कहां से अपनी परीक्षा देना चाहता है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड कोशिश कर रहा है कि उनकी सुविधा के अनुसार परीक्षा की व्यवस्था करे उन्होंने बताया कि जून के प्रथम सप्ताह में इस बारे में छात्रों को पता चल जायेगा कि उन्हें कहां परीक्षा देनी है?
गौरतलब है कि कोविड-19 के प्रसार के कारण स्कूल बंद होने और फिर 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लाकडाउन लागू के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई थी और अब यह परीक्षा 1 से 15 जुलाई के बीच होगी ।
HRD मिनिस्टर ने कहा, 'इसलिए हमारे यशस्वी प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की वजह से भारत ने इस संकट काल में खुद को विश्व गुरु के तौर पर स्थापित कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लिंक्डइन लेख में स्पष्ट रूप से कहा है “आखिरकार, प्रौद्योगिकी का सबसे परिवर्तनकारी प्रभाव अक्सर गरीबों के जीवन में होता है. यह प्रौद्योगिकी है जो नौकरशाही पदानुक्रम को ध्वस्त करती है, बिचौलियों को समाप्त करती है और कल्याणकारी उपायों को तेज करती है।”'