रामदास आठवले ने सदन में कह दी ऐसी बात, ठहाके मारकर हंसने लगे मोदी, राहुल और सोनिया!
By आदित्य द्विवेदी | Published: June 19, 2019 04:14 PM2019-06-19T16:14:18+5:302019-06-19T16:14:18+5:30
ओम बिरला के लोकसभा स्पीकर बनने पर रामदास आठवले ने तुकबंदी के जरिए बधाई दी। उन्होंने राहुल गांधी पर भी तंज कसा।
कोटा के बीजेपी सांसद ओपी बिरला ने लोकसभा स्पीकर का पदभार संभाल लिया। बधाइयों के दौर के बीच आरपीआई नेता और मोदी सरकार में मंत्री रामदास आठवले की तुकबंदी पर सदन में जमकर ठहाके लगे। आठवले ने राहुल गांधी पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की जिसे सुनकर खुद राहुल गांधी भी हंस पड़े।
आठवले ने कहा, 'राहुल जी, आपको वहां बैठने का मौका मिला इसीलिए आपको बधाई देता हूं। जब आपकी सत्ता थी तब मैं आपके साथ था। चुनाव के पहले मुझे कांग्रेस वाले बोल रहे थे कि इधर आओ। मैंने हवा का रुख देखा कि वो मोदी जी की तरफ जा रही है।'
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बधाई देते हुए रामदास आठवले ने कहा, 'एक देश का नाम है रोम, लेकिन लोकसभा के अध्यक्ष बन गए हैं बिड़ला ओम। लोकसभा का आपको अच्छी तरह से चलाना है काम, वेल में आने वालों का ब्लैकलिस्ट में डालना है नाम। नरेंद्र मोदीजी और आपका दिल है विशाल, राहुलजी आप रहो खुशहाल। हम सब मिलकर हाथ में लेते हैं एकता की मशाल, और भारत को बनाते हैं और भी विशाल। आपका राज्य है राजस्थान, लेकिन लोकसभा की आप बन गए हैं शान, भारत की हमें बढ़ानी है शान, लोकसभा चलाने के लिए आप हैं पर्फेक्ट इंसान'।
#WATCH:Ramdas Athawale in Lok Sabha says,"Rahul ji aapko wahan baithne ka mauka mila isiliye aapko badhai deta hoon.Jab apki satta thi tab main aapke saath tha.Chunav ke pehle mujhe Congress wale bol rahe the idhar aao.Maine hawa ka rukh dekha ki woh Modi ji ki taraf ja rahi hai" pic.twitter.com/p6ccS4mNKI
— ANI (@ANI) June 19, 2019
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को पदभार संभालने के बाद कहा कि वह निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता की अपेक्षा है।
पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद के सदस्यों और सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी निष्पक्ष होनी चाहिए और निष्पक्ष दिखनी भी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए चुनौती यह होती है कि उनसे जनता की अपेक्षाएं बहुत होती हैं और सदस्य ज्यादा से ज्यादा अपनी बात रखने की कोशिश करते हैं।