मौलाना खालिद रशीद की अपील, कहा- ईद जरूर मनाएं, लेकिन सादगी के साथ, मस्जिदों में नहीं लगानी है भीड़, घरों में ही नमाज करें अदा
By रामदीप मिश्रा | Published: May 3, 2020 09:19 AM2020-05-03T09:19:53+5:302020-05-03T09:20:30+5:30
इस्लामी कैलेंडर के रमजान महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। वे भोर के समय से लेकर सूर्यास्त के बीच कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं। रमजान के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है।
लखनऊः कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घातक वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए देश को 17 मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान लोगों से घरों में ही रहने के लगातार अपील की जा रही है। वहीं, इस समय रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और लगातार इमाम मुसलमान समुदाय के लोगों से घरों में ही नमाज अदा करने और कोरोना वायरस के कारण मस्जिदों में इकट्ठा नहीं होने की अपील कर रहे हैं।
लॉकडाउन को देखते हुए रविवार को लखनऊ में ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि हम लोग ईद जरूर मनाएं लेकिन सादगी के साथ। ईद के दिन हम घर में पकवान बनाएं लेकिन कोशिश करें कि ईद का जो बजट है उसका 50% गरीब लोगों में बांटे। हम लोग नए कपड़े न बनाएं बल्कि जो सबसे अच्छे कपड़े हैं उन्हें पहनकर ईद की नमाज़ पढ़ें।
इससे पहले बंगाल इमाम संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने कहा था कि सभी मस्जिद समितियों से कहा गया है कि वे मुस्लिम समुदाय के लोगों को बताएं कि मस्जिदों में भीड़ नहीं लगानी है और घरों में ही नमाज अदा करनी है। इस संबंध में सरकार ने जो भी परामर्श जारी किए हैं, उनका पालन किया जाना चाहिए।
हम लोग ईद जरूर मनाएं लेकिन सादगी के साथ। ईद के दिन हम घर में पकवान बनाएं लेकिन कोशिश करें कि ईद का जो बजट है उसका 50% गरीब लोगों में बांटे। हम लोग नए कपड़े न बनाएं बल्कि जो सबसे अच्छे कपड़े हैं उन्हें पहनकर ईद की नमाज़ पढ़ें:मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली,इमाम ऐशबाग ईदगाह,लखनऊ pic.twitter.com/g4I13bxk4t
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2020
उन्होंने कहा था हमें कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़नी है। हमने राज्य के अनेक हिस्सों में स्थित मस्जिदों से अपील की है कि वहां नमाज के लिए भीड़ न जुटने दी जाए। मस्जिद का इमाम नमाज अदा करेगा और मस्जिद समिति के दो या तीन सदस्य मौजूद रहेंगे। शेष सभी अपने घरों में नमाज अदा करेंगे।
वहीं, देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय के लोगों से घर पर इबादत और इफ्तार करने की अपील की थी।
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा था कि लोग इस बार अपने घर पर इबादत करें। इस्लामी कैलेंडर के रमजान महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। वे भोर के समय से लेकर सूर्यास्त के बीच कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं। रमजान के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है।