अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन में संगम की मिट्टी और जल का उपयोग होगा
By भाषा | Published: July 28, 2020 05:45 AM2020-07-28T05:45:30+5:302020-07-28T05:45:30+5:30
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही देश की प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की संभावना है।
अयोध्या में आगामी पांच अगस्त को प्रस्तावित राम मंदिर के भूमि पूजन में यहां के संगम की मिट्टी और जल का उपयोग किया जाएगा। राम जन्मभूमि के आंदोलन संबंधी ज्यादातर निर्णय प्रयागराज की धरती पर ही किए गए थे। विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी अश्विनी मिश्र ने बताया कि प्रयागराज के पावन संगम के जल एवं मिट्टी को 29 जुलाई 2020 की सुबह 9:30 बजे विहिप के प्रमुख पदाधिकारी संगम पहुंचकर 11 लीटर जल एवं मिट्टी को एकत्र करेंगे।
उन्होंने बताया कि यह जल एवं मिट्टी शिला पूजन के कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा। विहिप के संरक्षक रहे अशोक सिंघल जी एवं दुनिया के सभी पूज्य संतों की इच्छा रही है कि जब मंदिर का निर्माण शुरू होगा तो उस समय संगम के जल एवं मिट्टी को पूजन में उपयोग में लाई जाए।
मिश्र ने बताया कि राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन का केंद्र रहे अशोक सिंघल जी के आवास महावीर भवन पर जल एवं मिट्टी को रखा जाएगा एवं 30 जुलाई को सुबह अयोध्या के लिए इसे ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रांत कार्यालय केसर भवन में प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार की उपस्थिति में सभी कार्यक्रम तय किए गए।
राममंदिर के लिए बद्रीनाथ से मिट्टी और जल अयोध्या भेजा गया
राम मंदिर निर्माण के लिए बद्रीनाथ की मिट्टी तथा अलकनंदा नदी का जल सोमवार को अयोध्या भेजा गया। राम मंदिर के शिलान्यास के लिए प्रतीकात्मक रूप से बद्रीनाथ धाम की पवित्र मिट्टी और अलकनंदा नदी के जल से भरा कलश बद्रीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम के बाद मंदिर के सिंहद्वार से अयोध्या ले जाया गया।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड द्वारा भी कार्यक्रम में सहयोग किया गया। यह जल कलश और मिट्टी यहां से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद के स्वयं सेवक और भाजपा कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचायेंगे। इस कार्यक्रम से जुड़े सदस्यों ने बताया कि उत्तराखंड के चारों धामों से सामूहिक रूप से जल एकत्रित कर हरिद्वार लाया जाएगा और वहां से 29 जुलाई को अयोध्या ले जाया जायेगा।